मनु भाकर ने खेल रत्न के लिए आवेदन किया, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया: सूत्र

[ad_1]

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली निशानेबाज मनु भाकर का नाम इस साल प्रतिष्ठित मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित खिलाड़ियों की सूची से स्पष्ट रूप से गायब है।

यह अप्रत्याशित अनदेखी तब हुई है, जब भाकर ने 2024 पेरिस ओलंपिक में इतिहास रच दिया , वह महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनीं। इसके बाद उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में एक और कांस्य पदक जीता, जो भारत की आजादी के बाद पहली बार किसी भारतीय द्वारा एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने का संकेत है।

सोमवार को, निशानेबाज के करीबी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि दो बार की पदक विजेता निशानेबाज ने खेल रत्न पुरस्कार के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें नहीं चुना गया। सूत्र ने कहा, “मनु भाकर ने खेल रत्न के लिए आवेदन किया था, लेकिन अजीब बात यह है कि उन्हें चुना नहीं गया। यह सभी के लिए चौंकाने वाला है। इसमें एनआरएआई की कोई भूमिका नहीं है।”

इस बीच, एनआरएआई की ओर से अध्यक्ष कलिकेश नारायण सिंह देव ने मनु भाकर के मामले पर विचार करने के लिए खेल मंत्रालय को पत्र लिखा है। इस साल की शुरुआत में, भाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद विवादों में घिर गई थीं, जिसमें उन्होंने सवाल किया था कि क्या वह खेल रत्न पुरस्कार की हकदार हैं। इस पोस्ट पर आलोचकों ने तीखी प्रतिक्रिया की और इसे अनुचित मानते हुए भाकर ने इसे हटा दिया। विवाद के बावजूद, नामांकितों की सूची में उनका नाम न होने से उनके समर्थकों में व्यापक निराशा है।

पेरिस में 22 वर्षीय निशानेबाज का प्रदर्शन वर्षों के दृढ़ संकल्प और दृढ़ता का परिणाम था, खासकर 2020 टोक्यो ओलंपिक के दुखद अंत के बाद, जहां एक पिस्तौल की खराबी ने उनके अभियान को पटरी से उतार दिया था। कई लोगों ने उनकी वापसी की क्षमता पर संदेह किया था, लेकिन भाकर ने पेरिस में शानदार वापसी करके अपने आलोचकों को चुप करा दिया। इस साल उनकी उपलब्धियां सिर्फ़ ओलंपिक पोडियम तक ही सीमित नहीं रहीं। भाकर ने अपने शानदार रिकॉर्ड में और भी इजाफा किया, जिसमें कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक शामिल हैं। उन्होंने 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता, खेलों का रिकॉर्ड बनाया और 2022 एशियाई खेलों में महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल टीम स्पर्धा में जीत हासिल की।

महज़ 16 साल की उम्र में भाकर 2018 में आईएसएसएफ विश्व कप में स्वर्ण जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय निशानेबाज़ बन गई थीं, उन्होंने अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय दिया।

–आईएएनएस

आरआर/

[ad_2]

Disclaimer : ऑटो फ़ीड्स द्वारा यह न्यूज़/समाचार स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। hindektatimes.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन इस न्यूज़/समाचार में नहीं किया गया है। इस न्यूज़/समाचार की एवं इसमें उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की हैद्य न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है।
इनपुट. आईएएनएस के साथ

Related Articles

Back to top button