संपत के लिए बेटों ने मां-बाप को एक दूसरे से जुदा करके बन गए हैवान लेकिन बिछड़े हुए दंपति को एक साथ मिलाकर अदालत हुई मेहरबान
मामला उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले का
रिपोर्ट:रोशन लाल /सविता पंछी
कहा जाता है कि जर जोरू जमीन एक ऐसी संपत है जिसके लिए इंसान किसी भी हद तक गुजरने के लिए तैयार हो जाता है या गुजर जाता है। कुछ इसी तरह का मामला प्रतापगढ़ जिले से प्रकाश में आया है जहां अपनी संपत्ति की प्राप्ति के लिए बेटों ने अपने मां-बाप को एक दूसरे से अलग-अलग कर दिया था। किंतु यह मामला जब पारिवारिक न्यायालय पहुंचा तो वहां की अदालत ने बड़े ही सूझबूझ के साथ बिछड़े हुए दमपति को एक साथ मिलकर अदालत में जज भगवान का दूसरा रूप होता है इस बात को चरितार्थ कर दिया।
उत्तर प्रदेश के जिला न्यायालय प्रतापगढ़ में दिनांक 9 दिसंबर 2023 को आयोजित लोक अदालत की सबसे बड़ी उपलब्धि
संपति के लिए बेटों ने कर दिया था मां-बाप को अलग-अलग
न्यायपालिका द्वारा पुनः दोनों वृद्ध जनों का मिलन कराया गया तथा अदालत परिसर में ही दोनों ने एक दूसरे को माला पहनाकर जीवन पर्यंत एक साथ रहने की कसम खाई बागवान फिल्म की कहानी दोहराई गई
माननीय जनपद एवं सत्र न्यायाधीश श्री अब्दुल शाहिद जी, परिवार न्यायालय प्रतापगढ़ प्रधान न्यायाधीश माननीय श्री सुरेश चंद्र आर्य जी, प्रतापगढ़ विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर सत्र न्यायाधीश माननीय श्री नीरज बरनवाल जी, अपर सत्र न्यायाधीश माननीय श्री सुमित पवार शाहिद अन्य न्यायिक अधिकारी गण व अधिवक्ता गण इस अनूठे मिलन के साक्षी बने