आईजीआरएस प्रकरण के सतही निस्तारण पर डीएम ने जतायी गहरी नाराजगी, 

एक दर्जन से अधिक अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब,  शासन की मंशानुरूप सन्तुष्टिपरक हो प्रकरणों का निस्तारण:डीएम

 

जिला संवाददाता ,विनय मिश्र।

देवरिया, जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल ने आईजीआरएस प्रकरणों के गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध निस्तारण में लापरवाही बरतने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए एक दर्जन से अधिक अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया है। स्पष्टीकरण संतोषजनक न होने की दशा में कठोर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि जन शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण शासन की प्राथमिकता का विषय है। शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापरक एवं तथ्यपूर्ण होना चाहिए। सतही निस्तारण किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं है। असंतुष्ट फीडबैक की वजह से जनपद की रैंकिंग प्रभावित हो रही है।

जिन अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है, उनमें परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, उपनिदेशक कृषि, अधिशासी अभियंता (पीडब्लूडी) प्रांतीय खंड, अधिशासी अभियंता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, तहसीलदार सलेमपुर, बीडीओ बरहज, चकबंदी अधिकारी भाटपाररानी, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी बनकटा, अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड देवरिया शामिल हैं। जुलाई माह में सलेमपुर तहसील में असंतुष्ट फीडबैक की संख्या 57 है, जबकि उपनिदेशक कृषि कार्यालय में 48 तथा अधिशासी अभियंता सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग कार्यालय में 43 है।

जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों सहित कार्यालयाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि प्रत्येक शिकायत की मॉनिटरिंग स्वयं करें और जो आख्या अपलोड की जा रही उसे गंभीरतापूर्वक पढ़े।आवश्यकतानुसार शिकायतकर्ता से संवाद भी करें और उसे संतुष्ट करने का प्रयास करें। 30 दिन की निर्धारित समयसीमा के अंतर्गत आख्या प्रत्येक दशा में अपलोड करें। प्रायः यह देखा जा रहा है कि कानून व्यवस्था एवं भूमि विवाद जैसे कुछ संवेदनशील प्रकरणों में निचले स्तर के कार्मिकों द्वारा बिना स्थलीय निरीक्षण किये तथा बगैर फोटोग्राफ एवं संबंधित पक्ष के बयान लिए सरसरी तौर पर भ्रामक तथ्यों के साथ निस्तारण किया जा रहा जो किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं है। जिम्मेदार अधिकारी प्रत्येक आईजीआरएस आख्या का अवलोकन गंभीरतापूर्वक स्वयं करें। संवेदनशील प्रकरणों में आवेदनकर्ता से बात भी करें एवं तथ्यों के विषय भलीभांति जानकारी प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी निचले स्तर के कर्मचारियों के भरोसे न बैठे।

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