केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का मखौल उड़ाकर अदालत की अवमानना की, संज्ञान ले सुप्रीम कोर्ट : भाजपा

Kejriwal has contempt of court by mocking Supreme Court conditions, take note Supreme Court: BJP

भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने अरविंद केजरीवाल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत देते समय कुछ शर्तें लगाई थी, जिन शर्तों का मखौल उड़ाकर दिल्ली के सीएम ने अदालत के निर्णय की अवमानना की है।

 

 

 

नई दिल्ली, 11 मई । भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने अरविंद केजरीवाल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत देते समय कुछ शर्तें लगाई थी, जिन शर्तों का मखौल उड़ाकर दिल्ली के सीएम ने अदालत के निर्णय की अवमानना की है।

 

 

 

 

 

 

भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह अपने आप में अनोखा मामला है कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल पर अपना लाइव लोकेशन भी शेयर करने की शर्त लगाई है। कोर्ट ने यह स्पष्ट कहा था कि यह अंतरिम जमानत केस के मेरिट के ऊपर कोई फैसला नहीं है और केजरीवाल बाहर निकल कर केस के बारे में कोई बयान नहीं देंगे। लेकिन उन्होंने यह कहकर कि उनके ऊपर लगाया गया केस झूठा है, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अवमानना की है और अदालत की शर्तों का मखौल उड़ाया है।

 

उन्होंने कहा कि भाजपा देश की शीर्ष अदालत से केजरीवाल के इस वक्तव्य का संज्ञान लेने की अपील करती है। केजरीवाल के बयान आपत्तिजनक और कानूनी एवं वैधानिक दृष्टिकोण से उनके अपराध को और ज्यादा बढ़ाने वाले बयान हैं।

 

 

 

 

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो अभी तुरंत जेल से बाहर आए हैं, उन्होंने हनुमान जी के मंदिर में जाकर दर्शन किए। केजरीवाल ने उस हनुमान जी के दर्शन किए जिनके दिल में श्रीराम रहते हैं, लेकिन वहां से आने के बावजूद दिल्ली के सीएम ने एक बार भी भगवान श्रीराम का नाम नहीं लिया।

 

उन्होंने कहा कि केजरीवाल की भाषा आपत्तिजनक और निंदनीय है, वह अनर्गल बातें कर मानसिक विक्षिप्तता का प्रदर्शन कर रहे हैं।

 

 

 

 

 

भविष्य में अमित शाह के पीएम बनने के केजरीवाल के बयान पर कटाक्ष करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि केजरीवाल ने यह तो स्वीकार कर ही लिया है कि देश में एक बार फिर से नरेंद्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं और उसके बाद भी लंबे समय तक केंद्र में भाजपा की ही सरकार रहने वाली है। केजरीवाल भाजपा के बारे में तो यह कह रहे हैं कि भाजपा में अगला पीएम कौन होगा, लेकिन जेल जाने के बाद भी वह यह नहीं बता पाए कि उनकी पार्टी में दिल्ली का अगला सीएम कौन होगा क्योंकि उन्हें अपनी ही पार्टी के किसी नेता पर भरोसा नहीं है।

 

 

 

 

 

रिटायरमेंट की उम्र को लेकर केजरीवाल द्वारा दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी 90 वर्ष की उम्र तक सांसद रहे और भाजपा सरकार ने तो उन्हें भारत रत्न भी दिया, लेकिन केजरीवाल बताएं कि उन्होंने अपने गुरु अन्ना हजारे के साथ क्या किया। उन्हीं अन्ना हजारे ने शराब घोटाले को लेकर केजरीवाल की आलोचना भी की थी।

 

 

 

 

उन्होंने कहा कि तानाशाह का आरोप लगाने वाले केजरीवाल बताएं कि देश में तानाशाही (आपातकाल) किसने लगाई थी ? उनके अपने गुरु अन्ना हजारे और कुमार विश्वास, प्रशांत भूषण एवं आशुतोष जैसे अनगिनत सहयोगी आज पार्टी से बाहर क्यों हैं ? जेल जाने पर उन्होंने अपनी पत्नी को नंबर वन स्टार प्रचारक क्यों बनाया, जबकि वह आम आदमी पार्टी की पदाधिकारी या नेता तक नहीं हैं ? केजरीवाल को लालू यादव से जाकर पूछना चाहिए कि तानाशाही क्या होती है ?

 

 

 

 

 

केजरीवाल के जेल से बाहर आने को भाजपा की बजाय कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बताते हुए उन्होंने कहा कि आज केजरीवाल ने कांग्रेस को सेकंडरी कर दिया है, यह कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। केजरीवाल ने इंडी गठबंधन में शामिल दलों को ही आईना दिखाने का काम शुरू कर दिया है।

 

 

 

 

उन्होंने केजरीवाल के समर्थन में पाकिस्तानी नेता द्वारा दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली से लेकर इस्लामाबाद तक केजरीवाल का स्वागत किया जा रहा है। दिल्ली की जनता में आक्रोश है कि वह कैसे घोटाला कर जेल गए और अब अंतरिम जमानत पर बाहर आकर अदालत का भी मखौल उड़ा रहे हैं। जनता इसका जवाब देगी।

 

 

 

 

दिल्ली के सीएम द्वारा भाजपा के लोकसभा चुनाव हारने और सिर्फ 220-230 सीटें आने की भविष्यवाणी पर कटाक्ष करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि केजरीवाल जो कह रहे हैं उसको दोगुना कर दीजिए।

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