सीतामढ़ी में चल रहे विकास कार्यों में मानकों का उल्लघंन आया सामने
पर्यटन विभाग के जीएम ने निरीक्षण कर ईंट का सैंपल लेकर भेजा जांच के लिए प्रयोगशाला में
भदोही। पौराणिक स्थल सीतामढ़ी में चल रहे विकास कार्यों में गुणवत्ता के मानकों का उल्लघंन सामने आया है। पर्यटन विभाग के जनरल मैनेजर टीएन सिंह ने मंगलवार को विभागीय टीम के साथ वहां पर हो रहे विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यदाई संस्था को फटकार लगाते हुए चेतावनी भी दी है।
गंगा नदी के तट पर बन रही सीढ़ियों पर लगाए जा रहे गुलाब पत्थर की चौथाई जीएम के निरीक्षण के दौरान निर्धारित मानक 4 सेमी से कम पाई गई। निर्माण में प्रयुक्त सामाग्री में खामियां पाई गई। जिस पर जीएम ने नाराजगी जताई। उन्होंने ईंट का सैंपल प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा। सीतामढ़ी में माता सीता की समाधि, लवकुश की जन्मस्थली और महर्षि वाल्मीकि का तपोभूमि आश्रम है। पर्यटन विभाग ने इस पौराणिक धरोहर के विकास के लिए 4 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। स्वीकृत किए गए धनराशि से गंगा तट पर सीढ़ियां, धर्मशाला और परिक्रमा स्थल बनाए जाने हैं। स्थानीय लोगों सहित यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा इस एतिहासिक स्थल की उपेक्षा पर नाराजगी जताई थी। उनकी मांग पर ही पर्यटन विभाग द्वारा इस पौराणिक स्थल का विकास कराए जाने के लिए धन मुहैया कराई गई है। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। साथ ही परियोजना को शीघ्र ही पूरा किया जाए। ताकि इस पौराणिक स्थल पर आने वाले श्रद्धालु इसका लाभ ले सकें।