Up news:20 मिनट में 6 लोगों का मर्डर कैसे शुरू हुई मारपीट और बिछ गई लाशें

रिर्पोट: आफताब आलम

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के फतेहपुर गांव के लेड़हा टोला में सोमवार की सुबह महज 20 मिनट में छह लोगों की हत्या से कोहराम मचा है,(Six people were killed in just 20 minutes in Ledha Tola of Fatehpur village in Deoria district of Uttar Pradesh on Monday morning)सत्यप्रकाश दूबे के घर में अंदर से लेकर दरवाजे तक शव बिखरे हुए थे। घर के अंदर साड़ी, कपड़े और रसोई के सामान तक खून फैला था।मौके का मंजर देख ग्रामीण ही नहीं पुलिसकर्मियों की भी रूह कांप उठी। जमीन को लेकर चल रहा विवाद इतना विभत्स रूप ले लेगा किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था,मारे गए सत्यप्रकाश दुबे और पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद्र यादव अपने-अपने घर के मुखिया थे। सत्यप्रकाश दुबे के भाई ने अपनी जमीन प्रेमचंद्र यादव को बेची थी। इसी जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। सोमवार को सुबह से हो रही बरसात के चलते सत्यप्रकाश दूबे अपनी पत्नी किरन के अलावा दो बेटी व दो बेटे के साथ घर पर ही थे। इसी दौरान पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव बाइक से उनके घर पहुंचे,आसपास के लोगों की मानें तो बैनामे की जमीन को लेकर सत्यप्रकाश दूबे और प्रेमचंद के बीच बात शुरू हुई। कुछ ही देर में दोनों के बीच कहासुनी होने लगी। उसी दौरान दोनों भिड़ गए और मारपीट शुरू हो गई। बरसात के चलते प्रेमचंद का पैर फिसल गया और वह नीचे गिर गया। इसी बीच सत्यप्रकाश और उनके परिजनों ने पास में रखी ईंट से उसके सिर पर प्रहार कर दिया। किसी ने उसके गले पर धारदार हथियार से वार कर दिया। हत्या के बाद प्रेमचंद का शव दरवाजे पर छोड़ सत्यप्रकाश के परिवार के लोग भाग कर घर के अंदर छिप गए,उधर, इसकी जानकारी प्रेमचन्द्र के भाई रामजी यादव को हुई तो उसने कुछ बाहरी और गांव के अपने समर्थकों के साथ सत्यप्रकाश के घर पर हमला बोल दिया। हमलावर हाथ में लाठी-डंडे, लोहे की रॉड, असलहा और धारदार हथियार लिए हुए थे। हमलावरों ने घर में से खींच कर सत्यप्रकाश दूबे की दरवाजे पर ही हत्या कर दी,कमरे में मौजूद उनकी पत्नी किरन को मारने-पीटने लगे। मां को बचाने बेटा और बेटी आए तो हमलावरों ने सिर पर वार कर उनकी भी हत्या कर दी। हमलावरों ने किरन का गला रेत दिया। हमलावरों ने गोलियां भी चलाईं। बताया जा रहा है कि तीन लोगों की मौत गोली लगने से हुई है। इस दौरान चीख-पुकार मची रही। हमलावरों ने नर संहार को अंजाम देने के बाद मकान में जमकर तोड़ फोड़ की। हमलावर हाथों में असलहा लहरा रहे थे। घटना को अंजाम देने के बाद वह वहां से भाग निकले।करीब 20 मिनट तक चले खूनी खेल के बाद चारों ओर सन्नाटा पसर गया। दरवाजे पर सत्यप्रकाश का शव पड़ा हुआ था। पत्नी किरन, बेटा गांधी, बेटी सलोनी और नंदनी के शव घर के अंदर पड़े थे। इतना कुछ होता रहा लेकिन आसपास के लोग दहशत के चलते अपने घरों में ही रहे,कोई अपनी छत से तो कोई कमरे की खिड़की से सब कुछ देखता रहा लेकिन सत्यप्रकाश दूबे के परिवार को बचाने की हिम्मत किसी की नहीं हुई,Some watched everything from their rooftops and others from their room windows but no one dared to save Satyaprakash Dubey’s family.

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