लोग ना बना रहे होते थे REELS तो हारून से बचाई जा सकती थी सुशील की जान
रिपोर्ट: अफताब आलम
On platform number one of Bakshi Ka Talab railway station in the capital of Uttar Pradesh, when Aaron was smacking him on the head with a brick for protesting against the conversion, there were many people standing there making reels from their mobile phones.
उत्तर प्रदेश की राजधानी बख्शी का तालाब रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर जिस समय मतांतरण का विरोध करने पर हारून उसके सिर पर ईंट से ताबड़तोड़ वार कर रहा था उस समय वहां कई लोग खड़े होकर मोबाइल से रील बना रहे थे। अगर किसी ने आगे बढ़कर मदद की होती तो शायद सुशीला बचाई जा सकती थी।सोमवार को सुशीला की नृशंस हत्या के मामले में हारून को जीआरपी ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि हारून से बचने के लिए सुशीला चीख-पुकार करी रही थी लेकिन वहां रील बना रहे 15 से 20 लोगों में कोई आगे नहीं आया। पुलिस का कहना है कि अगर तमाशा देखने के बजाए लोग उसकी मदद करते तो शायद सुशीला की जान नहीं जाती।सुशीला के भाई सुशील और बहन साधना द्वारा लगाए गए मतांतरण आरोपों की जांच हो रही है। सीओ का कहना है कि अगर जांच में मतांतरण की बात पाई जाती है तो मुकदमे में धाराएं बढ़ाई जाएंगी।जीआरपी चारबाग थाने के इंस्पेक्टर संजय खरवार ने बताया कि जिस समय दोनों का वाद-विवाद हो रहा था, उसी समय अयोध्या से हारून के पास उसके भाई का फोन आया था। हारून के भाई ने दोनों के विवाद को सुना। उसने भाई को समझाने की कोशिश की लेकिन हारून नहीं माना।उसने धक्का देकर सुशीला को गिरा दिया और ईंट से प्रहार करने लगा। इसके बाद हारून के भाई ने सुशीला के मोबाइल फोन पर भी काल किया। हारुन और सुशीला की काल डिटेल खंगाली गईं तो आखिरी नंबर उसके भाई का ही मिला। पुलिस टीम ने उसी नंबर पर बात की तो आरोपित के बारे में जानकारी हुई। इसके बाद पुलिस ने लोकेशन के आधार पर हारून को दबोचा,Police then arrested Aaron based on the location.