जिले निरस्त करने को लेकर विधायक मोदी और विपक्ष द्वारा विधानसभा में किया गया हंगामा
MLA Modi and the opposition created a ruckus in the assembly over the cancellation of the district
नीमकाथाना ( मनोहर लाल शर्माईश्वर आसट)राजस्थान विधानसभा में नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी ने कहा कि आज स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से निरस्त किए गए जिलों पर चर्चा की मांग की गई। इस पर माननीय अध्यक्ष महोदय ने अनुमति दी, लेकिन जब इसे बाद में कैंसिल किया गया, तो विपक्ष के साथी सदन की वैल में पहुंचकर नारेबाजी करते हुए विरोध व्यक्त करने लगे। मोदी ने कहा की जिन जिलो को निरस्त किया गया है उनके बारे में सदन में चर्चा करने का बहुत बड़ा मुद्दा है, जनता सरकार के इस फैसले से बहुत पीड़ित है। नीमकाथाना जिला हर मापदण्ड से सही है। नीमकाथाना जिला क्षेत्रफल, जनसंख्या और हर दृष्टि से पूरे मापदण्ड पूरा करता है। विपक्ष की मांग और विरोध के बाद सत्ता पक्ष को झुकना पड़ा और आज के लिए चर्चा का समय निर्धारित किया गया।विधायक मोदी ने कहा की हमारे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जनता के प्रतिनिधि के तौर पर हम उनकी समस्याओं और आवाज को सदन में मजबूती से उठाएं। हम हर हाल में जनता के मुद्दों को विधानसभा में उठाएंगे, चाहे इसके लिए हमें आंदोलन के रास्ते पर क्यों न जाना पड़े। यह हमारा कर्तव्य है कि हम जनता की आवाज को ऊंची आवाज़ में उठाएं, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके और उनकी उम्मीदें पूरी हो सकें।विधायक ने कहा की आज के घटनाक्रम से यह साफ होता है कि विपक्ष के दबाव और जनता के मुद्दों पर हमारी प्रतिबद्धता ने सत्ता पक्ष को झुकने पर मजबूर कर दिया। यह केवल सत्ता पक्ष के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे लोकतंत्र के लिए एक अहम संदेश है कि जब जनता के मुद्दे उठाने की बात आती है, तो हम किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेंगे। हम जनता के हितों की रक्षा के लिए हमेशा संघर्ष करेंगे और सदन के भीतर लोकतांत्रिक तरीकों से उनकी आवाज को उठाएंगे। यदि सदन में बोलने का अवसर नहीं मिलता, तो हम जनहित के मुद्दों को और भी प्रभावी तरीके से आंदोलन के माध्यम से उठाएंगे।
यह संघर्ष केवल एक मुद्दे का नहीं है, बल्कि जनता के अधिकारों और उनके न्यायपूर्ण समाधान की लड़ाई है। हम हमेशा जनता के साथ खड़े रहेंगे, और जब भी आवश्यकता पड़ी, हम सदन के भीतर और बाहर दोनों जगह उनका समर्थन करने के लिए तैयार रहेंगे। हमारे लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि हम जनता की समस्याओं और उनकी उम्मीदों को न सिर्फ विधानसभा में, बल्कि समाज के हर स्तर पर महसूस करें और उनके समाधान के लिए निरंतर संघर्ष करें। जनता ने हमें अपना प्रतिनिधि चुनकर भेजा है, और हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी आवाज़ को सदन में उठाकर उनकी समस्याओं का हल निकालने का प्रयास करें।
हम यह समझते हैं कि जब तक सदन में जनता के मुद्दों पर पूरी तरह से चर्चा नहीं होती, तब तक लोकतंत्र का उद्देश्य अधूरा रहता है। जनता की आशाओं और उनके अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है। हम ऐसे समय में भी चुप नहीं बैठेंगे, जब विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास किया जाए। हम हमेशा लोकतांत्रिक मूल्यों और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे, चाहे इसके लिए हमें सड़कों पर उतरना पड़े या सदन में विरोध करना पड़े। यह केवल एक राजनीतिक रणनीति नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम जनता के हक में आवाज उठाते रहें और उन्हें अपने संघर्ष में कभी अकेला न छोड़ें।विधायक मोदी ने कहा की हम सब लोग जनता के प्रतिनिधि है, जनता के द्वारा चुने हुये है। हमारा दायित्व है कि हम जनता कि आवाज विधानसभा तक पहुंचाये और अध्यक्ष महोदय का यह दायित्व है कि वो खास तोर से विपक्ष को समय दे और जनता कि जो आवाज है उसे विधानसभा में रखे। लेकिन अध्यक्ष महोदय सदन में दबाव में आये ओर उन्होने जो स्थगन प्रस्ताव का जो समय दे चूके थे उस आदेश को तुरन्त निरस्त किया ओर विधायक मोदी को विधानसभा में बोलने से रोका। हम जनता की आवाज सदन में जरूर उठायेगे! विधायक ने कहा की मुद्दों पर जब तक हमे बोलने नहीं देगे तब तक हम भी सदन की कार्यवाही नहीं चलने देगे।