सिख धर्म के १०वे धर्म गुरु गुरु गोबिंद सिंह के ३५८वे प्रकाश पर्व पर नगर में कीर्तन शोभा यात्रा निकाली गई

 

रिपोर्ट शमीम

 

मड़ियाहूं ,जौनपुर।स्थानीय नगर में सिख धर्म के १०वे धर्म गुरु गुरु गोबिंद सिंह के ३५८वे प्रकाश पर्व पर नगर कीर्तन शोभा यात्रा निकाली गई। यह शोभा यात्रा रामलीला मैदान से गाँधी जी तिराहे से होते हुए वाराणसी रोड स्थित गुरूद्वारे पर समाप्त हुई । शोभा यात्रा में सैकड़ों महिला पुरुष व् बच्चे शामिल रहे। शोभा यात्रा में खालसा ग्रुप के समूह ने बहुत ही अचरज कर देने वाले करतब दिखाए। भव्य शोभा यात्रा भजन कीर्तन के साथ गुरु ग्रन्थ साहिब की सवारी भी शामिल रही | तथा विशाल लंगर का भी आयोजन किया गया । शोभा यात्रा के स्वागत में जगह जगह मंच और युवको द्वारा सेवा भाव से लोगों के जलपान का भी आयोजन किया गया था |

 

बताया जाता है की पवन प्रकाश पर्व सिख धर्म में मनाया जाता है। सिख धर्म में 10 धर्म गुरु हुए हैं। सिख धर्म में नानक देव जी और गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मोत्सव को प्रकाश पर्व या प्रकाश उत्सव के रुप में मनाया जाता है। इस दिन को सिख धर्म में लोग हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं ।

और कीर्तन करते हैं। क्योंकि प्रकाश पर्व या प्रकाश उत्सव का अर्थ है। मन से बुराइयों को दूर करते उसे सत्य, ईमानदारी, और सेवाभाव से प्रकाशित करना. गुरु नानक देव और गुरु गोबिंद सिंह ने समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाया था। इसीलिए इस दिन को इस नाम से जाना जाता है। इस खास दिन पर गुरुद्वारों को सजाया जाता है। नगर कीर्तिन, अरदास, भजन, कीर्तिन, प्रभात फेरी आयोजित होती हैं। साथ ही लंगर का भी आयोजन किया जाता है।

 

गुरु गोबिंद सिंह शौर्य और साहस का प्रतीक हैं। उन्होंने अंधकार को दूर किया. साथ ही उन्होंने खालसा वाणी दी, यानि वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह. इतना ही नहीं, खालसा पंथ की रक्षा के लिए गुरु गोबिंद सिंह जी ने मुगलों और उनके सहयोगियों से कई बार लड़ाई की. इसी वजह से उनके जन्मोत्सव को प्रकाश पर्व कहा जाता है. इस आयोजन में डॉक्टर परमजीत सिंह, सरदार स्वर्ण सिंह, आतमजीत सिंह, कवलजीत सिंह (गब्बर) सतपाल सिंह, दलजीत सिंह, इंद्रजीत सिंह, भगवंत सिंह, जसमीत सिंह , जगजीत सिंह, पुनीत सिंह,मुकेश सर, रिंकू जायसवाल, दिलीप कुमार साहू, सहित नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग शामिल रहे |

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