आजमगढ़:अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के गोष्ठियों में शब्द सिंगार अउर हथियार बनि जाला….प्रोफ़ेसर गीता सिंह

Azamgarh: In the seminars of international conferences, words become ornamentation and weapons....Professor Geeta Singh

Azamgarh:

रिपोर्ट: रोशन लाल

आजमगढ़ में 25 सितंबर से होने वाला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के गोष्ठियों की रूपरेखा पर बतकही कर रहीं शिक्षकश्री प्रो. गीता सिंह और प्रो.अखिलेश चंद्र का कथन बहुत प्रासंगिक है कि गोष्ठियों का स्वरूप भारतीय लोक संस्कृति एवं भोजपुरी भाषा,साहित्य,कला संस्कृति के सम्मेलन की गुणवत्ता और प्रभाव को निर्धारित करता है। गोष्ठियों में विशेषज्ञों के विचारों का सामना होता है, जो नए दृष्टिकोणों और समाधानों को जन्म देता है।
अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत में गोष्ठियों के साथ प्रकाशित हो रही “गौरवशाली पूर्वांचल” पुस्तक का विमोचन एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भोजपुरी संस्कृति,भाषा और लोककला के विकास में योगदान करेगा।इस सम्मेलन में विश्वभर से आए विद्वानों और साहित्यकारों के बीच विचारों का आदान-प्रदान होगा, जो भोजपुरी लोककला संस्कृति और भाषा के प्रसार में मदद करेगा।
जनपद के समस्त सम्मानित साहित्यकारों के साथ मिलकर आजमगढ़ की सांस्कृतिक धरती पर पूर्वांचल की गरिमा को पूरी दुनिया में बिखरने की बात कहना एक ऐतिहासिक पहल है। यह सम्मेलन भोजपुरी लोक संस्कृति और भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा और इसके विकास में योगदान करेगा।

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