दक्षिण कोरिया में मेडिकल स्टाफ की कमी का अस्पताल की आपातकालीन सेवाओं पर गहरा प्रभाव पड़ा है
Medical staff shortages in South Korea have had a profound impact on hospital emergency services
सियोल: दक्षिण कोरिया में पिछले दिनों सरकार ने राज्य चिकित्सा सुधार योजना लागू की थी। इस योजना का विरोध देश के तमाम मेडिकल कर्मचारी कई महीनों से कर रहे हैं। इसकी वजह से पिछले सप्ताह देश में संचालित आपातकालीन सेवाओं में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज हुई।दक्षिण कोरियाई स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार गुरुवार तक देश के 180 प्रमुख अस्पतालों के सभी आपातकालीन सेंटर्स में से 88 आपातकालीन और गंभीर रूप से बीमार रोगियों को चिकित्सा उपचार और अन्य सेवाएं प्रदान करने में सक्षम रह गए हैं, जबकि फरवरी के पहले सप्ताह में यह संख्या 109 थी। इन सेंटर्स की क्षमता 27 तरह की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने की है।समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक, यह आंकड़ा 29 अगस्त को 102 से नीचे आ गया। चिंता इस बात की है कि आगामी चुसेओक हॉलिडे के दौरान सेंटर्स की संख्या में और कमी आ सकती है।कई अस्पतालों ने आपातकालीन सेंटर्स के संचालन के लिए समय कम कर दिया है, क्योंकि मेडिकल स्टाफ की कमी के कारण देश के अधिकांश जूनियर डॉक्टर फरवरी से सरकार के चिकित्सा स्कूलों में दाखिला कोटा बढ़ाने के फैसले के विरोध में हड़ताल पर हैं या नौकरी छोड़ चुके हैं।सरकार ने कम स्टाफ वाले अस्पतालों में सैन्य और सार्वजनिक डॉक्टरों को भेजा है। डॉक्टरों और अस्पतालों के मुताबिक, सरकार का यह कदम देश के अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।देश में वयस्कों के लिए आपातकालीन ब्रोंकोस्कोपी करने में सक्षम आपातकालीन केंद्रों की संख्या 109 से घटकर पिछले सप्ताह 60 रह गई जो कुल संख्या का 45 फीसदी है। इससे पहले केले सप्ताह की तुलना में, यह आंकड़ा 40 प्रतिशत गिर गया है।जिन अस्पतालों में बड़े पैमाने पर आग से जले लोगों का इलाज किया जाता है, उनकी संख्या फरवरी में 44 थी जो अगस्त के अंत में घटकर 38 हुई तो पिछले सप्ताह 28 पर पहुंच गई।दक्षिण कोरिया के एक स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक “सरकार आपातकालीन कक्षों में डॉक्टरों के श्रम लागत को वहन करने के विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है।”