आजमगढ़ में दैवीया आपदा से निपटने को प्रशासन ने कसी कमर, सभापति की समीक्षा बैठक में बनी रणनीति

Administration has geared up to deal with natural calamity in Azamgarh, strategy made in the review meeting of the Chairman

आजमगढ़ 06 मई: दैवीय आपदा प्रबंध जांच समिति के सभापति इं0 अवनीश कुमार सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। सभापति ने कहा कि  मुख्यमंत्री  की मंशा के अनुरूप दैवीय आपदा से प्रभावित होने वाले परिवारों को 24 घंटे के अंदर अनुमन्य सहायता उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों का सत्यापन जिलाधिकारी अपनी अध्यक्षता में एक टीम बनाकर करायें। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट तत्काल प्रेषित करायें। सभापति ने कहा कि राजस्व विभाग के आंकड़ों की समीक्षा कर राहत आयुक्त के माध्यम से रिपोर्ट प्रेषित करना सुनिश्चित करें। सभापति ने कहा कि सभी ग्राम प्रधानों के माध्यम से आपदा से प्रभावित लोगों के लिए क्या-क्या किया जा सकता है, सरकार द्वारा क्या सहायता राशि दी जा सकती है, इसका व्यापक प्रचार प्रसार करायें तथा आपदा विशेषज्ञ स्वयं जाकर आपदा प्रबंधन के संबंध में शासन द्वारा प्राप्त बुकलेट ग्राम प्रधानों को उपलब्ध कराएं। उन्होंने जिला पंचायत राज अधिकारी एवं अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को निर्देश दिया कि सभी ग्राम पंचायत/ब्लॉकों एवं नगर निकायों में आपदा प्रबंधन से संबंधित वॉल पेंटिंग कराई जाए तथा जागरूकता हेतु पम्पलेट बनवाकर वितरित करायें।विद्युत विभाग की समीक्षा में  सभापति ने कहा कि मानक से नीचे लटक रहे विद्युत तारों को सही करायें तथा जहां पर खंभे झुक गए हैं या टूट गए हैं, उसको समय से ठीक करायें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पिछले तीन वर्षों में विद्युत से हुई जनहानि, पशु हानि एवं विद्युत कर्मियों की मृत्यु से संबंधित रिपोर्ट उपलब्ध करायें। उन्होंने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को निर्देश दिया कि हीटवेव/लू के दृष्टिगत नगर निकायों में वाटर कूलर एवं जगह-जगह प्याऊ का संचालन सुनिश्चित करें। उन्होंने आपदा विशेषज्ञ को निर्देश दिया कि पिछले 03 साल में कितने कंबल का वितरण किया गया एवं कितने स्थानों पर ठंड के मौसम में अलाव जलाए गए, इसकी रिपोर्ट उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि वेस्ट वाटर को सीधे नदी में न गिरने दें, इसके लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित कर पानी को साफ करायें। उन्होंने आवास एवं विकास नियोजन विभाग को निर्देश दिया की समस्त सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया जाए। इसके साथ ही समस्त प्राइवेट स्कूल, अस्पताल, औद्योगिक संस्थान एवं आवासीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया जाए, तथा इसकी मॉनिटरिंग भी  सुनिश्चित करें।उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिया की अतिवृष्टि से जहां की सड़कें खराब होती हैं, वहां केंद्र सरकार द्वारा एनडीआरएफ के अंतर्गत आवंटित बजट से सड़क की मरम्मत करायें। उन्होंने सिंचाई विभाग को निर्देश दिया कि बाढ़ के समय जो बांध बार-बार टूटते हैं या रिसाव होता है, उसके लिए स्थाई समाधान करें। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिया कि वन विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा जितने वृक्षारोपण किया जाते हैं, उसको संरक्षित करायें। इसके साथ ही प्राइवेट चिकित्सालय, निजी स्कूल, औद्योगिक संस्थानों को भी उनके परिसर में वृक्षारोपण हेतु अधिक से अधिक वृक्ष उपलब्ध करायें। उन्होंने आयुष विभाग को निर्देश दिया कि जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से समन्वय कर स्कूलों में योग प्रशिक्षकों को भेजकर छात्र-छात्राओं को योग का प्रशिक्षण दें। उन्होंने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिया कि जनपद में संचालित अन्नपूर्णा भवनों में शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार सामग्री रखवायें, एवं उसकी सूची भी चस्पा करवायें। उन्होंने कृषि विभाग को निर्देश दिया कि फसलों को कीटों के आक्रमण से बचाव के संबंध में समस्त ब्लॉकों में कार्यशाला आयोजित कर किसानों को जागरूक करें। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिया कि घाघरा नदी में बाढ़ आने के दृष्टिगत बाढ़ चौकियां स्थापित करें, बाढ़ चौकियों के माध्यम से बांध पर नियमित गस्त करायें एवं बाढ़ की सूचना प्रेषित कररायें। इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर एवं फायर सर्विस के हेल्पलाइन नंबर का भी व्यापक प्रचार प्रसार करायें।इसके साथ ही  सभापति ने समस्त संबंधित विभागों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि आपदा प्रबंधन के संबंध में आवश्यक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।जिलाधिकारी  रविंद्र कुमार- ने  सभापति एवं समस्त सदस्यों को बुके, अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह देकर स्वागत एवं सम्मान किया तथा आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभापति महोदय को आश्वस्त किया कि समस्त संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर दिए गए निर्देशों का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।स्थानीय समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए मा0 सभापति ने वन विभाग एवं अधिशासी अधिकारी नगर पालिका को निर्देश दिया बंदरों का स्थायी समाधान निकाला जाये तथा उनको पड़कर कहीं दूर जंगलों में छोड़ा जाए।बैठक में  सदस्य आपदा प्रबंधन समिति  अंगद कुमार सिंह, सदस्य विधान परिषद  रामसूरत राजभर, विशेष आमंत्रित विधान परिषद सदस्य विक्रांत सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना, विधान परिषद सचिवालय के विवेक सिंह, बृजेश, संजय, अभिनय, अपर जिलाधिकारी प्रशासन राहुल विश्वकर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अशोक कुमार, डीएफओ श्री जीडी मिश्रा, डीआईओएस, बीएसए, उप कृषि निदेशक सहित समस्त संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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