Azamgarh:महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का प्रथम दीक्षांत समारोह 23 सितंबर को होगा

महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का प्रथम दीक्षांत समारोह 23 सितंबर को होगा

 

रिपोर्ट राकेश श्रीवास्तव

महाराजा सुहेलदेवल राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़, डॉ0 प्रवेश कुमार सिंह ने बताया है कि एक लम्बे जनांदोलन के बाद 13 नवम्बर 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं गृहमंत्री अमित शाह ने आज़मगढ़ जनपद के शिक्षा दीप का जो शिलापट्ट स्थापित किया था द्रुत गति से पूर्ण होकर 10 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से उद्घाटित हुआ।
अपने उद्घाटन के पश्चात डीएवी कॉलेज के कैम्प कार्यालय की सीमाओं को लाँघकर 10 जुलाई 2024 से विश्विद्यालय अपने कैम्पस में सहजता से गतिमान होने लगा और जनपद के अपने विश्विद्यालय का स्वप्न पूर्णरूपेण साकार हुआ।मेरठ यूनिवर्सिटी से चलकर प्रथम कुलपति के रूप में आये हुए मा0 कुलपति प्रो0 प्रदीप कुमार शर्मा इस रथयात्रा के सारथी बने और अब आज़मगढ़ विश्विद्यालय परिसर में इसका प्रथम दीक्षान्त समारोह 23 सितम्बर 2024 को आयोजित होने जा रहा है जिसकी आधिकारिक सहमति राजभवन से प्राप्त हो चुकी है,अर्थात माननीय राज्यपाल महोदया 23 सितम्बर को आज़मगढ़ विश्विद्यालय के कुलाधिपति के रूप में प्रथम दीक्षान्त समारोह में शिरक़त करते हुए आज़मगढ़ एवं मऊ जिले के महाविद्यालयों में अपने अपने संवर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त मेधावियों को स्वर्ण पदक प्रदान करेंगीं और शोध उपाधि पूर्ण कर चुके शोधार्थियों को दीक्षित करेंगी।
मा0 कुलपति ने इस वृहद आयोजन के लिए विभिन्न आवश्यक समितियों का गठन करते हुए सबके दायित्वों का निर्धारण कर दिया है और प्रतिपल उसकी मोनिटरिंग कर आवश्यक निर्देश पारित कर रहे हैं। मा0 कुलपति के नेतृत्व में सम्बद्ध महाविद्यालयीयों के प्राचार्य,डीन, योग्य प्राध्यापकों और विश्विद्यालयीय कर्मचारी युद्ध स्तर पर प्रथम दीक्षान्त समारोह के सफल संचालन में अपने तैयारियों में लगे हुए हैं। परिसर में विश्विद्यालय स्तर पर न केवल विविध पाठ्यक्रमों को मान्यता मिली है अपितु गत सत्र से की कोर्स संचालित हो रहे हैं जिनमें अध्ययन-अध्यापन के लिए अतिथि प्रवक्ताओं का चयन किया जा चुका है।
महाराजा सुहेलदेव राज्य वि०वि० आजमगढ़ का प्रथम दीक्षान्त समारोह 23 सितम्बर को मेधावियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक एवं कुलपति पदक से नवाजा जाएगा महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्व विद्यालय आजमगढ़ का लोकार्पण जब दिनांक-10 मार्च 2024 को देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कर कमलों से हुआ तो जनदपदवासियों को इसका भान तो हो गया था कि अब बहुत कुछ अच्छा होने वाला है, लोकार्पण के उपरान्त विश्वविद्यालय में हलचल तेज हो गयी विश्वविद्यालय सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होकर अस्थायी कार्यालय डी०ए०वी० आजगगढ़ के परिसर से निकलकर अपने नवनिर्मित भवनों/ परिसर में 18 जुलाई 2024 से संचालित हो रहा है। फिर क्या था विश्वविद्यालय में विकास की अन्य प्रकियाएं जैसे परिसर में योग्य प्राध्यापकों गैर-शिक्षक कर्मचारियों की नियुक्ति हुई साथ ही प्रयोगशाला पुस्तकालय आदि के विकास के साथ साथ
भारी संख्या में वृक्षारोपण भी किया गया। विश्वविद्यालय में पठन-पठन एवं परिक्षाये नई शिक्षा-नीति-2020 के अनुरूप समयबद्ध पूर्ण कराकर सत्र नियमित चलाने में आजमगढ़ विश्वविद्यालय प्रदेश में अव्वल रहा है, पठन-पाठन के साथ साथ वि०वि० के कुलपति स्वयं अपने संरक्षण में सांस्कृतिक परिषद् का गठन कर न सिर्फ अवकाश प्राप्त प्राध्यापकों को सम्मानित करने की परम्परा शुरू की अपितु परिसर में जीवन्तता बनी रहे इसके लिए सांस्कृतिक गतिविधियों निरन्तर संचालित रखने का निर्देश भी दिया। एन०सी०सी०/एन०एस०एस०/ रोवर्स रेंजर्स एवं खेल-कूद विभाग प्रदेश व देश स्तर पर ढाई वर्ष की अल्पायु में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर चुका है। चूंकि अब विश्वविद्यालय अपने नवनिर्मित परिसर में गतिमान है संसाधनों से लबरेज हो गया है तो स्वाभाविक है कि अब विश्वविद्यालय को स्वर्णिम आयाम देने में वहाँ का टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ पूरे मनोयोग से अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे है उसी की एक बानगी है दिनांक 23 सितम्बर-2024 को होने वाला दीक्षांत समारोह।
चूँकि मा० राज्यपाल/कुलाधिपति का कार्यक्रम अभी चंद दिनों पूर्व कन्फर्म हुआ, राजभवन से हरी झण्डी मिलते ही विश्वविद्यालय की पूरी मशीनरी कार्यक्रम की तैयारी में जी-जान से लग गयी है। मा० कुलपति स्वयं कार्यक्रम के एक-एक बिन्दू पर मानिटरिंग कर जिम्मेदारों को यथोचित दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं, चूँकि कार्यक्रम बड़ा है और सभी का सहयोग अपेक्षित है इसलिए विभिन्न समितियों का गठन कर दायित्व का विभाजन विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को दिए गए है। इसी कड़ी में समूचे परिसर की साफ-सफाई साज-सज्जा की शुरूआत हो चुकी है, इसी क्रम में कल वि०वि० के कुलपति प्रो० प्रदीप कुमार शर्मा ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर संबंधित को आवश्यक दिशा-निर्देश देते नजर आए। यह सर्वविदित है कि किसी भी विश्वविद्यालय का दीक्षान्त समारोह सबसे बड़ा उत्सव होता है। कोई भी बड़ा उत्सव सबकी सहभागिता से मनाया जाता है तो उसका सौन्दर्य और निखर जाता है। वि०वि० से सम्बद्ध महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को तो 23 सितम्बर बहुत दूर दिख रहा है हो भी क्यों न उनका स्वप्न हकीकत में बदलने जा रहा है। जब आजमगढ़ वि०वि० के प्रथम दीक्षान्त समारोह में महामहिम का उड़नखटोला परिसर के जमीन पर उतरेगा तो निश्चय ही वि०वि० के लिए काफी अर्से से संघर्षरत् रहे जनपदवासियों का स्वप्न साकार रूप लेता नजर आएगा, क्योंकि उनकी तपस्या फलीभूत हो रही है।

 

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