कर्नाटक सरकार के भ्रष्टाचार ने ले ली एक अधिकारी की जान : भरत शेट्टी

Corruption of Karnataka government took the life of an officer: Bharat Shetty

बेंगलुरु, 16 जुलाई: कर्नाटक के एमयूडीए घोटाले को लेकर प्रदेश में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दल को ईडी की ओर से नोटिस भी भेजा गया है।

 

इस बीच भाजपा विधायक भरत शेट्टी ने बयान दिया है कि अगर ईडी की ओर से कांग्रेस नेता को नोटिस भेजा गया है तो उन्हें जांच एजेंसी के सामने पेश होना चाहिए। अगर ईडी उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है तो इसके लिए उन्हें स्पीकर से अनुमति लेनी होती है। कांग्रेस नेता को दूसरी बार प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस भेजा है, लेकिन इसके बावजूद वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए।

 

उन्होंने कहा, “सभी जानते हैं कि यह इस साल का सबसे बड़ा घोटाला है। वे एक हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने खुद माना है कि घोटाला हुआ है। उन्हें लगता है कि एसआईटी जांच से मामला शांत हो जाएगा। इसलिए हम चाहते हैं कि मामला सीबीआई को ही दिया जाए।”

 

उन्होंने आगे कहा कि जो व्यक्ति इतने समय से फरार था, वो अचानक दो महीने बाद विधानसभा में पेश होता है। वो जानते हैं कि उन्होंने क्या किया है। इन लोगों के भ्रष्टाचार के कारण एक दलित अधिकारी ने खुदकुशी कर ली। कैसे उन्होंने उसे मजबूर किया और किन कारणों से उसने खुदकुशी की। ये एक गंभीर मुद्दा है।

 

भाजपा विधायक भरत शेट्टी ने कावेरी मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “कावेरी विवाद लोगों का मुद्दा है। सत्ताधारी दल और विपक्ष जानता है कि पानी बहुत महत्वपूर्ण चीज है। इसलिए जाहिर है कि कोई भी सरकार मिलकर काम करना चाहती है तो ठीक है, लेकिन यहां तो सब दिखावटी है। कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों एक दूसरे से उलझे पड़े हैं। वह लोग तो सिर्फ कैमरे के लिए ही करते हैं।”

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