महिला किसी भी धर्म की हो, तलाक के बाद गुजारा भत्ता का अधिकार : भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी
Women of any religion, right to maintenance allowance after divorce: BJP spokesperson Rakesh Tripathi
लखनऊ, 10 जुलाई: सर्वोच्च न्यायालय ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को लेकर बड़ा फैसला दिया है। अब मुस्लिम महिलाएं भी तलाक के बाद पति से गुजारा भत्ता की मांग कर सकती हैं। इस पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
राकेश त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि, “महिला चाहे मुस्लिम हो, हिंदू हो या ईसाई या फारसी, सभी तलाकशुदा महिला को गुजारा भत्ता का अधिकार है। यह कानून सभी पर लागू होता है। कुछ लोग महिलाओं का शोषण करना और उनको दबाने को अपना अधिकार मानते हैं।”
उन्होंने कहा कि, “इससे पहले शाहबानो के केस में भी हमने देखा है कि कैसे कट्टरपंथियों के दबाव में राजीव गांधी की सरकार झुक गई थी। लेकिन आज मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार सभी महिलाओं के साथ खड़ी है और सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी उसी प्रकार है।”
इस ऐतिहासिक फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के वकील नीरज शर्मा ने कहा कि, “मुस्लिम महिला पति से अब गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने आज बहुत बड़ा और बढ़िया फैसला सुनाया है। यह इंप्लीमेंट होना चाहिए। अनुच्छेद 125 सीआरपीसी के तहत कोई भी पत्नी अपने पति से गुजारा भत्ता लेने के लिए हकदार है। किसी भी आधार पर आप भेदभाव नहीं कर सकते हैं। कानून सबके लिए एक समान है।”
शाहबानो केस का जिक्र करते हुए नीरज शर्मा ने आगे कहा, “एक बार पहले भी सुप्रीम कोर्ट यह कर चुका है। शाहबानो केस में कोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता देने के लिए हकदार माना था। मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव और अन्याय हो रहा था। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से अब मुस्लिम महिलाएं भी पति से गुजारा भत्ता लेने की हकदार हैं।”



