सुनीता विलियम्स को वापस लाने के लिए धरती से उड़ा अंतरिक्ष यान
Spacecraft took off from Earth to bring back Sunita Williams
वाशिंगटन: नासा-स्पेसएक्स अंतरिक्ष यान, दो एस्ट्रोनॉट को लेकर रविवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना हुआ। इस मिशन का मकसद अंतरिक्ष में फंसे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को वापस लाना है। विलियम्स और विल्मोर की धरती पर वापसी फरवरी 2025 में होगी।
नासा-स्पेसएक्स मिशन फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से सफलतापूर्वक लॉन्च होने के बाद सुरक्षित रूप से ऑर्बिट में पहुंच गया। यह मिशन स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स-40 से लॉन्च होने वाली पहली मानव स्पेसफ्लाइट है।
नासा ने एक्स पर लिखा, “स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) की ओर बढ़ रहा है। नया क्रू पांच महीने के साइंस मिशन के लिए रविवार, 29 सितंबर को परिक्रमा प्रयोगशाला में पहुंच रहा है।”
अंतरिक्ष यान में नासा के एस्ट्रोनॉट निक हेग (कमांडर) और रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव (मिशन विशेषज्ञ) सवार है। क्रू-9 के सदस्यों के अलावा अंतरिक्ष यान पर अंतरिक्ष यात्री बैरी विल्मोर और सुनीता विलियम्स के लिए दो सीटें खाली छोड़ी गई हैं।
विलियम्स और विलमोर, बोइंग के खराब स्टारलाइनर पर आठ दिन का सफर पूरा कर आईएसएस तक पहुंचे थे। नासा ने स्टारलाइनर को मानव यात्रा के लिए अनुपयुक्त घोषित कर दिया, हालांकि यह सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस आ गया। लेकिन दोनों अंतरिक्ष यात्री स्पेस में फंस गए, क्योंकि स्टारलाइनर में सवार होना बहुत जोखिम भरा था।
सुनीता विलियम्स विलियम्स स्पेस में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं। सुनीता भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ी हैं। दिसंबर 2006 में, वह भगवद गीता की एक प्रति लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गईं। जुलाई 2012 में, वह स्पेस स्टेशन में ओम का एक प्रतीक और उपनिषदों की एक प्रति लेकर गईं। सितंबर 2007 में विलियम्स ने साबरमती आश्रम और गुजरात में अपने पैतृक गांव झूलासन का दौरा किया।