सच को उजागर करने निकले पत्रकार पर जानलेवा हमला : गंभीर चोट
अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी ब्यूरो चीफ हिंद एकता टाइम्स जनपद बलिया
बलिया सुबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षा को सुधारने के लिए कटिबद्ध है। बावजूद इसके कुछ अध्यापक बेसिक शिक्षा विभाग की धज्जियां उड़ा रहे हैं। गुरुवार को बलिया जनपद के रेवती विकासखंड अंतर्गत कंपोजिट विद्यालय चौबे छपरा पर स्कूल के अध्यापकों की अनियमितता को लेकर खबर कवरेज करने गए एक दैनिक समाचार पत्र के ब्यूरो प्रभारी पत्रकार रमेश यादव उर्फ पिंटू तलवार पर तीन कतिपय अध्यापकों ने बेरहमी से मारा पीटा। किसी तरीके से पत्रकार रमेश यादव उर्फ पिंटू तलवार अपनी जान बचाकर भागे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चौबे छपरा ग्राम प्रधान एवं अन्य बुद्धिजीवियों की शिकायत पर ब्यूरो प्रभारी बलिया रमेश यादव उर्फ पिंटू तलवार सच का पता लगाने के लिए कंपोजिट विद्यालय प्राथमिक विद्यालय पर गुरुवार को 9:30 बजे पहुंच गए। जहाँ लगभग 10:00 बजे तक केवल महिला शिक्षामित्र विद्यालय पर मौजूद थी । जबकि उस विद्यालय में 7 शिक्षक हैं जिसमें से दो अध्यापक परीक्षा ड्यूटी में शामिल है। 10:30 बजे के आसपास विद्यालय के कतिपय अध्यापक मुस्ताक अहमद विद्यालय में पहुंचे। देर से पहुंचने पर पत्रकार द्वारा खबर कवरेज करने पर अध्यापक मुस्ताक अहमद एवं अन्य दो अज्ञात लोगों के साथ आए और अचानक गाली गलौज करते हुए बेरहमी से पत्रकार रमेश यादव उर्फ़ पिंटू तलवार को लात, घुस्से से मारने पीटने लगे। इतना से संतोष नहीं हुआ तो महान कतिपय अध्यापक द्वारा पत्रकार का बैग और बैग में रखा माइक और स्टैंड छीन लिया गया। अध्यापक और उनके साथियों द्वारा पत्रकार से यह कहा गया कि किसकी इजाजत से तुम खबर बना रहे हो। तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई कि इस प्रांगण में घुस गए। तुझे फर्जी मुकदमे में फंसा देंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की भाजपा सरकार बेसिक शिक्षा व्यवस्था को सुधारने हेतु कृत संकल्पित है। इधर ऐसे कतिपय अध्यापकों द्वारा उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ की सरकार को खुलेआम चुनौती दिया जा रहा है। अब प्रश्न यह उठता है कि बच्चों के भविष्य सुधारने वाले अध्यापक गण जब खुद 10:30 बजे और 11:00 बजे विद्यालय में पहुंचेंगे। तो शैक्षिक व्यवस्था कैसे सुधरेगा। जब समाचार कवरेज करने पर पत्रकारों पर हमला करेंगे तो इस प्रदेश और देश का क्या होगा? शिक्षा विभाग के सक्षम प्रभारी बनकर घटनास्थल पर पहुंचे सक्षम अधिकारी अनिल चौधरी साहब उल्टे पत्रकार को ही दोषी ठहराने लगे। उन्होंने पत्रकार को धमकाना शुरू किया और कहा कि किसकी इजाजत से खबर लिख रहे हो तुम्हारे ऊपर भी फर्जी मुकदमा करेंगे और छेड़खानी में फंसा देंगे। जब ऐसे ऐसे लोग शिक्षा विभाग के बड़े-बड़े पद पर तैनात हो तो प्रदेश के बच्चों का भविष्य कैसे सुधर सकता है। पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होता है। पत्रकारों पर इस तरह के हो रहे हमले के विरोध में पत्रकारों ने यह निर्णय लिया कि ऐसे कतिपय अध्यापकों के खिलाफ जिलाधिकारी बलिया प्रवीण कुमार लक्षकार पुलिस अधीक्षक बलिया ओमवीर सिंह एवं बीएसए मनीष सिंह से मिलकर ऐसे अध्यापकों को निलंबित कराने के लिए धरना प्रदर्शन करेंगे। महज संजोग ही था कि पत्रकार रमेश यादव और पिंटू तलवार अपनी जान बचाकर भग गए । वरना एक पत्रकार के साथ फिर हादसा हो सकता था। घटना के बाद दर्जनों पत्रकार एक साथ जुट गए। पत्रकारों ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रदेश सरकार की छवि खराब करने वाले ऐसे कतिपय अध्यापकों के खिलाफ उनकी कलम चलती रहेगी । कुछ बुद्धिजीवी अध्यापकों ने कहा कि गलती करने वाले अध्यापकों पर कार्रवाई होनी चाहिए। नाम ना बताने के शर्त पर कुछ अध्यापकों ने बताया कि देर से स्कूल पहुंचने वाले अध्यापकों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।