योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को दिया असुरक्षा और असंवेदनशीलता : आराधना मिश्रा मोना

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लखनऊ, 24 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के आठ साल पूरे होने पर कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना ने सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कई मुद्दों पर सरकार की नीतियों को कठघरे में खड़ा किया और आरोप लगाया कि सरकार ने युवाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश, रोजगार समेत तमाम मोर्चे पर पूरी तरह से विफल साबित हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश को योगी सरकार ने केवल असुरक्षा और असंवेदनशीलता दी है।

आराधना मिश्रा ने बताया कि जब 2017 में योगी सरकार का गठन हुआ था, तब सरकार ने सुशासन का वादा किया था। लेकिन अब आठ साल बाद उत्तर प्रदेश देश के सबसे असुरक्षित राज्यों में शामिल हो गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि अपराधी उत्तर प्रदेश छोड़कर चले गए हैं। मोना ने कहा कि अखबारों और टीवी चैनलों में हर दिन अपराध की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो इस दावे की पोल खोलती हैं।

कांग्रेस विधायक ने दलित बेटी के साथ हाल में हुई बलात्कार की घटना का जिक्र करते हुए पूछा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि अगर अपराधों की सूची बनाने लगे तो समय की कोई कमी नहीं पड़ेगी।

उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण में सरकार की नाकामी को उजागर करते हुए एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि एनसीआरबी का डेटा बताता है कि अपराधों के मामले में उत्तर प्रदेश देश में पहले नंबर पर है।

इसके साथ ही आराधना मिश्रा ने यह भी कहा कि डिजिटल रूप से अपराधों में वृद्धि हो रही है, लेकिन सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम रही है।

कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने कहा कि 69 हजार शिक्षक अभ्यर्थी अब तक प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने इन अभ्यर्थियों के अधिकारों की अनदेखी की है।

उन्होंने कहा, “ये सरकार आरक्षण विरोधी है, जिससे युवा नौकरी के लिए भटक रहे हैं। योगी सरकार ने जो नियुक्तियां घोषित की थीं, उन्हें भी रोक दिया गया है। युवा आज नौकरी के लिए आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पुलिस की लाठियां मिल रही हैं।”

आयुष्मान कार्ड योजना पर भी उन्होंने योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि इस योजना में घोटाले हो रहे हैं और यूपी सरकार इस मामले में नंबर एक है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार स्वास्थ्य विभाग को बजट क्यों नहीं दे रही है और इसकी गंभीरता को नजरअंदाज कर रही है।

इसके अलावा, मोना ने यूपी सरकार की इन्वेस्टर समिट पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि सरकार ने इस समिट पर करोड़ों रुपए खर्च किए, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ। सरकार ने केवल एमओयू साइन किए, लेकिन कोई फैक्ट्री अब तक नहीं लगाई गई। उन्होंने मांग की कि सरकार इस मामले में श्वेत पत्र लाकर जनता को बताए कि कितना निवेश आया है।

वहीं, मोना ने यूपी सरकार के वित्तीय हालात पर भी चिंता जताई और कहा कि राज्य पर 9 लाख करोड़ का कर्ज है। सरकार ने पिछले बजट से सिर्फ 55 प्रत‍िशत ही खर्च किया है, जो इनकी नाकामी को दर्शाता है।

–आईएएनएस

एकेएस/सीबीटी

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इनपुट. आईएएनएस के साथ

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