अमेरिका में 10 द‍िन के भीतर ह‍िंदू मंदिर को दोबारा बनाया न‍िशाना, दीवारों पर ल‍िखे हिंदू विरोधी संदेश

Within 10 days, a Hindu temple was targeted again in America, anti-Hindu messages were written on the walls

नई दिल्ली:। न्यूयॉर्क में एक मंदिर में तोड़फोड़ की घटना के 10 दिन के भीतर ही अब कैलिफोर्निया में बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर को न‍िशाना बनाया गया। मंद‍िर की दीवारों पर “हिंदू वापस जाओ” का संदेश ल‍िखा गया।

 

बीएपीएस पब्लिक अफेयर्स ने एक्स पर क‍िए एक पोस्ट में कहा कि कैलिफोर्निया के सैक्रामेंटो में उनके मंदिर को हिंदू विरोधी संदेशों के साथ अपवित्र किया गया।

“सैक्रामेंटो, सीए क्षेत्र में कल रात हमारे मंदिर की दीवार पर हिंदू विरोधी संदेश “हिंदू वापस जाओ!” ल‍िखा गया, हम शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और घृणा के खिलाफ एकजुट हैं।”

सैक्रामेंटो पुलिस ने कहा कि वे मामले की जांच कर रहे हैं। उसने इसे घृणा अपराध करार दिया।

पुलिस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “माथर में बीएपीएस हिंदू मंदिर में हुई घटना की जांच की जा रही है। यह घृणा अपराध है।”

ऐसी खबरें थीं कि आरोपियों ने मंद‍िर की पानी की लाइनें भी काट दी थीं। 16 सितंबर को, मेलविले, न्यूयॉर्क में बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। इसमें ड्राइववे और गेट के बाहर मंदिर के चिन्ह पर नफरत भरे संदेश लिखे हुए थे।

न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की निंदा करते हुए कहा कि उसने “घृणित कृत्य” को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारियों के समक्ष मामला उठाया है।

भारतीय वाणिज्य दूतावास ने तब एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, “मेलविले, न्यूयॉर्क में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ अस्वीकार्य है।” इसमें कहा गया कि वाणिज्य दूतावास समुदाय के संपर्क में है और उसने इस कृत्य को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारियों के समक्ष मामला उठाया है।

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने कहा था कि न्याय विभाग और होमलैंड सुरक्षा विभाग को मंदिर पर हमले की “जांच करनी चाहिए”।

फाउंडेशन ने मंद‍िर पर हमले के ल‍िए चिंता जताते हुए इसे एक कायराना हरकत बताया था।

जुलाई में, कनाडा के एडमोंटन में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी। कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने तब हिंदू-कनाडाई समुदायों के खिलाफ नफरत से प्रेरित हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की थी।

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