मंडल में पहला मियांवाकी पद्धति से होगा वन निर्माण

डीएम विशाल सिंह ने कलेक्ट्रेट में किया वृक्षारोपण

 

रिपोर्ट अशरफ संजरी

भदोही। विंध्याचल मंडल का पहला मियावाकीं पद्धति से प्राकृतिक वन निर्माण के लिए डीएम विशाल सिंह ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर में वृक्षारोपण किया। यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण और शहरी वनीकरण को बढ़ावा देने के लिए कार्यदाई संस्था बीडा की तरफ से शुरू की गई है। जिसका पर्यवेक्षण व अनुरक्षण वन विभाग द्वारा किया जाएगा।

इस दौरान डीएम ने कहा कि मियावाकी पद्धति से वन बनाने का यह एक अनोखा प्रयास है। हमारा लक्ष्य है कि हम शहर में हरित क्षेत्र को बढ़ाएं और पर्यावरण को संरक्षित करें। मियावाकी पद्धति एक जापानी विधि है। जिसमें पौधों को एक-दूसरे से कम दूरी पर लगाया जाता है। यह पद्धति शहरी वनीकरण के लिए बहुत प्रभावी है और इसमें पौधों की वृद्धि 10 गुना अधिक तेजी से होती है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए जाएंगे। जो शहरी वातावरण में अनुकूल हैं। हमारा लक्ष्य है कि हम शहर में एक सुंदर और हरित वातावरण बनाएं। कलेक्ट्रेट में निर्धारित स्थान पर 5600 वृक्ष लगाए जाएंगे। मियांवाकी पद्धति में सबसे कम से बढ़ते हुए सबसे अधिक ऊंचाई के क्रम में 4 लेयर में वृक्षारोपण किया जाता है। बढ़ते क्रम में अनार, अमरुद, शीशम, नीम या इसी श्रृंखला में अन्य प्रजातियों के पौधे लगाए जाते हैं। डीएम ने कहा कि

भारत के प्रधानमंत्री ने भी ‘मन की बात’ के अपने हालिया एपिसोड में मियावाकी वृक्षारोपण की अवधारणा पर चर्चा की। उन्होंने सीमित स्थानों में घने शहरी वन स्थापित करने की जापानी तकनीक पर प्रकाश डाला। डीएफओ नीरज आर्य कहा कि मियावाकी पद्धति से वन बनाने का यह एक अच्छा प्रयास है।

इस मौके पर एडीएम न्यायिक शिवनारायण सिंह, बीड़ा की डिप्टी सीईओ अनीता देवी, डीआईओ डॉ.पंकज कुमार, ई डिस्टिक मैनेजर आशुतोष श्रीवास्तव, ओएसडी जगदीश, आशीष श्रीवास्तव व अन्य ने भी वृक्षारोपण किया।

 

 

चित्र परिचय:

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