समानता और ज्ञान के प्रतीक हैं डॉ. आंबेडकर– ऋषभ समाज के वंचित वर्गों को मुख्य धारा में लाने का काम डॉ. अंबेडकर ने किया– छट्ठू राम

रिपोर्ट अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी

रसड़ा(बलिया) अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पढ़ाई इकाई के कार्यकर्ताओं द्वारा डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर नागजी विद्या मंदिर अखनपुरा में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।संगोष्ठी का शुभारंभ जिला संगठन मंत्री ऋषभ सिंह, मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री छट्ठू राम, नगर अध्यक्ष घनश्याम सिंह, आचार्य डॉ. मार्कण्डेय वर्मा ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित करके किया। मुख्य ने कहा कि अंबेडकर जयंती को समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। डॉ भीमराव अंबेडकर ने देश में व्याप्त छुआ-छूत को मिटाने के लिए तमाम संघर्ष किए।जिला संगठन मंत्री ऋषभ सिंह ने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर खुद पर व खूद की क्षमताओं परविश्वास (यकीन) रखते थे। उनका मानना था कि अगर व्यक्ति को खुद पर भरोसा है तो वह बड़े से बड़ा काम भी आसानी से कर सकता है। डॉ आंबेडकर पूरी दुनिया में अपने त्याग समर्पण मानवतावादी दृष्टिकोण शोषितों के रहे है शिक्षा संगठन और संघर्ष की बदौलत जाने जाते थे। नगर अध्यक्ष घनश्याम सिंह ने कहा की समता मूलक समाज की स्थापना कि वह आजीवन समाज में व्याप्त भेदभाव और सत्ता मे गलत करने वालो, गलत सत्ता के खिलाफ लड़ते रहे भारतीय लोकतंत्र में अंबेडकर का योगदान कभी बुलाया नहीं जा सकेगा डॉ. अंबेडकर की आवृत्ति और प्रतिभा अनुकरणीय है वह एक मनीषी योद्धा नायक विद्वान दार्शनिक वैज्ञानिक समाजसेवी एवं धैर्यवान व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे। कार्यक्रम में अभार ज्ञापन डॉ. मार्कण्डेय वर्मा तथा संचालन चंद्रकांत दूबे ने किया।

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