प्रोटेम स्पीकर पर कांग्रेस का ऐतराज, कहा- कोडिकुन्निल सुरेश की वरिष्ठता को किया गया नजरअंदाज
Congress objects to Protem Speaker, says Kodikunnil Suresh's seniority was ignored
नई दिल्ली, 20 जून : लोकसभा के लिए भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब प्रोटेम स्पीकर बनाए गए हैं। कांग्रेस ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज की है और इसे संसदीय परंपरा के खिलाफ लिया गया निर्णय कहा है। गौरतलब है कि गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भर्तृहरि महताब को 18वीं लोकसभा के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया। यह जानकारी गुरुवार शाम केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दी। संसदीय कार्य मंत्री के मुताबिक नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होने तक महताब बतौर प्रोटेम स्पीकर अध्यक्ष का कर्तव्य निभाएंगे।
इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह संसदीय मानदंडों को नष्ट करने का एक और प्रयास है, जिसमें भर्तृहरि महताब (सात बार के सांसद) को कोडिकुन्निल सुरेश की जगह प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि कोडिकुन्निल सुरेश अपने आठवें कार्यकाल में प्रवेश करेंगे। यह एक निर्विवाद मानदंड है कि अध्यक्ष के विधिवत चुनाव से पहले सबसे वरिष्ठ सांसद सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता करता है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि यह हमारी पार्टी के लिए बेहद गर्व की बात है कि समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्ग के नेता सुरेश ने 8 बार सांसद रहने की यह उपलब्धि हासिल की है। सरकार को यह बताना चाहिए कि उसने सुरेश को नज़रअंदाज क्यों किया, वह कौन सा कारक था, जिसने उन्हें इस पद से अयोग्य ठहराया? क्या इस निर्णय को प्रभावित करने वाले कुछ गहरे मुद्दे हैं, शायद सिर्फ योग्यता और वरिष्ठता से परे?
किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर शेयर एक पोस्ट में लिखा कि राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू द्वारा लोकसभा सांसद भर्तृहरि महताब को संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्त किया है। वे लोकसभा में अध्यक्ष के चुनाव तक अध्यक्ष के कर्तव्यों का पालन कर सकेंगे। वहीं राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 99 के तहत लोकसभा सांसदो सुरेश कोडिकुन्निल, थलिक्कोट्टई राजुतेवर बालू, राधा मोहन सिंह,
फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंद्योपाध्याय को अध्यक्ष के चुनाव तक नवनिर्वाचित संसद सदस्यों की शपथ में प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए नियुक्त किया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा है कि लोकसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर के तौर पर नियुक्त किया जाता है।