भाजपा के एतराज के बावजूद एनसीपी ने नवाब मलिक को बनाया उम्मीदवार

Despite BJP's objection, NCP made Nawab Malik its candidate

मुंबई: अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मंगलवार को सहयोगी दल भाजपा की आपत्ति को नजरअंदाज करते हुए पूर्व मंत्री नवाब मलिक को मानखुर्द शिवाजी नगर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बना द‍िया।भाजपा ने चेतावनी दी है कि अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम के साथ कथित संबंधों के कारण वह नवाब मलिक के लिए प्रचार नहीं करेगी।

मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि थी।

अणुशक्ति नगर से विधायक नवाब मलिक समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के खिलाफ मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी किस्मत आजमाएंगे।उनकी बेटी एनसीपी उम्मीदवार सना मलिक ने अणुशक्ति नगर से चुनाव लड़ने के लिए सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया।नवाब मलिक ने अपनी दो बेटियों सना मलिक और नीलोफर मलिक की मौजूदगी में नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद कहा, “आज मैंने मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से एनसीपी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भी पर्चा दाखिल किया था। लेकिन पार्टी ने एबी फॉर्म भेजा है, जिसे जमा किया गया और अब मैं एनसीपी का आधिकारिक उम्मीदवार हूं।”

अब नवाब मलिक एनसीपी के चुनाव चिन्ह घड़ी पर चुनाव लड़ेंगे।

नवाब मलिक ने कहा, “मुझे पार्टी का उम्‍मीदवार बनाने पर मैं अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे का शुक्रगुजार हूं। उन्हें मुझ पर भरोसा है। मतदाता पूरे दिल से मेरा समर्थन करेंगे। मैं मानखुर्द शिवाजी नगर निर्वाचन क्षेत्र से जीतूंगा।” दरअसल एनसीपी का यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि बीजेपी ने मलिक के नामांकन पर कड़ी आपत्ति जताई है।मुंबई इकाई के भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने मलिक के नामांकन का विरोध करते हुए कहा कि बीजेपी उनके लिए प्रचार नहीं करेगी।शेलार ने कहा, “हम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े किसी व्यक्ति को टिकट देना स्वीकार नहीं करेंगे। हम नवाब मलिक का समर्थन नहीं करेंगे और हमारा रुख अलग होगा।”

नवाब मलिक फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मेडिकल बेल पर हैं।

नवाब मलिक महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री थे और उन्हें 2022 में एनआईए द्वारा गिरफ्तार किया गया था।जून 2023 में अजित पवार के अपने चाचा के नेतृत्व वाली एनसीपी से बाहर चले जाने के बाद मलिक शरद पवार गुट को छोड़कर अजित पवार के खेमे में शामिल हो गए थे।

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