जब-जब धर्म की हानि होती है प्रभु लेते हैं अवतार पागल आनंद जी महाराज।
विनय मिश्र, जिला संवाददाता।
बरहज, देवरिया।
बरहज तहसील क्षेत्र के अंतर्गत बरौली चौराहे पर चल रहे सात
दिवसीय राम कथा के पांचवें दिन कथा व्यास पागलानंदजी जी महाराज ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है धर्म की रक्षा हेतु का प्रभुअवतार होता है। विद्यार्थी जीवन से ही प्रभु श्री राम यज्ञ की रक्षा करते हुए राक्षसों का नाश किया ताड़का और सुबाहु का वध किया। उन्होंने सुखदेव जी की उत्पत्ति और उनके द्वारा ज्ञान प्रताप का वर्णन किया। भगवान व्यास जी द्वारा सुकदेव जी को राजा जनक के पास ज्ञान प्राप्त करने के लिए भेजा गया। पूज्यपद महाराज जी ने बताया कि सुखदेव जी को जब तक अपने कमंडल और दंड का मोह रहा तब तक ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ जब मोह मन से निकला तब ब्रह्म की प्राप्ति हुई इसलिए ब्रह्मा की प्राप्ति हेतु मोह को बाहर करना पड़ेगा यह मेरा है यह तेरा है। इस भेदभाव से रहित होना पड़ेगा। सहायक कथा व्यास अमृत सागर में गंगा जी को भगीरथ प्रयास से पृथ्वी पर ले जाने का मार्मिक कथा का रसपान कराया। मानव योग से प्रभु का प्रार्थना करें तो निश्चित तौर पर अपने कुल खानदान का भी उद्धार कर देता है। इस प्रकार देर रात तक एकाग्रचित होकर लोगों ने कथा का आनंद लिया। कथा के व्यास पीठ पूजन को परमहंस में स्थानीय लोगों को लेकर आयोजक पंकज सिंह संयोजक रामनिवास उपाध्याय चंद्रभान सिंह अरुण पांडे वाई के तिवारी मारकंडे पांडे जनार्दन पांडे, राम बडाई गिरी आज लोगों ने किया।