चाय की दुकानों पर चर्चा होगी राहुल और प्रियंका गाँधी के संघर्ष की- शाहनवाज़ आलम

साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 121 वीं कड़ी में बोले कांग्रेस नेता

रिपोर्ट: रोशन लाल

लखनऊ, चाय की दुकानों पर कांग्रेस के पक्ष में लोग बात करने लगे हैं। इसे और संगठित करने के लिए अल्पसंख्यक कांग्रेस कल 6 नवम्बर से मौलाना आज़ाद जयन्ती 11 नवम्बर तक चाय की दुकानों पर कांग्रेस के संघर्ष पर बात करेगी। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 121 वीं कड़ी में कहीं।उन्होंने बताया कि इस अभियान में लोगों को बताया जाएगा कि सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन के पुलिस दमन में मारे गए लोगों के साथ सिर्फ राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी ही खड़ी हुईं। दूसरे दलों के नेता उनके साथ खड़े नहीं हुए। यहाँ तक कि दूसरे दलों के मुस्लिम नेताओं के उत्पीड़न पर भी कांग्रेस ही मुखर होकर आवाज़ उठा रही है। उनकी अपनी पार्टियां भी उनसे दूरी बना चुकी हैं। इस अभियान में यह भी बताया जाएगा भाजपा सरकार संविधान की प्रस्तावना में इंदिरा गाँधी जी द्वारा जोड़े गए समाजवादी और सेकुलर शब्द को हटाना चाहती है। इस साज़िश को सिर्फ़ कांग्रेस ही नाकाम कर सकती है। इसमें छेत्रिय दलों की कोई भी भूमिका नहीं हो सकती। इसलिए संविधान बचाने के लिए सभी को कांग्रेस को वोट देना चाहिए।

इसके साथ ही यह भी बताया जाएगा कि जब तक मुस्लिम समाज
एकतरफा कांग्रेस को वोट देता था तब तक भाजपा का कोई वजूद उत्तर प्रदेश में नहीं था। जैसे-जैसे मुसलमान कांग्रेस से दूर होते गए भाजपा मजबूत होती गयी। वहीं तब कांग्रेस राजस्थान, बिहार, असम, महाराष्ट्र और
पॉण्डीचेरी में मुस्लिम मुख्यमन्त्री बनाकर समाज को सत्ता में भागीदारी भी देती थी। लेकिन उत्तर प्रदेश जहाँ 20 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है वहाँ मुसलमानों से वोट लेनी वाली ग़ैर कांग्रेसी दलों ने कभी किसी मुसलमान को उपमुख्यमंत्री तक नहीं बनाया।

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