शिक्षा मंत्री ने जारी किया शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशालय को नोटिस

Education Minister issued notice to Education Secretary and Directorate of Education

नई दिल्ली, 3 जुलाई: दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने पांच हजार शिक्षकों के स्थानांतरण को रोकने के प्रभारी मंत्री के आदेश की अवज्ञा करने पर शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशालय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने एक जुलाई को लिखित में निर्देश दिया था कि किसी भी शिक्षक को केवल इसलिए स्थानांतरित नहीं किया जाएगा, क्योंकि उसने किसी विशेष स्कूल में 10 वर्ष से अधिक समय पूरा कर लिया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 239 ए का हवाला देते हुए, शिक्षा मंत्री ने उल्लेख किया है कि दिल्ली की एनसीटी की निर्वाचित सरकार राज्य सूची और समवर्ती सूची में सूचीबद्ध मामलों के संबंध में कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग करती है।मंत्री आतिशी ने सवाल उठाया कि प्रभारी मंत्री के आदेशों की अवहेलना करके संविधान के अनुच्छेद 239 एए का उल्लंघन करने के लिए शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशालय को कारण बताओ नोटिस क्यों नहीं दिया जाना चाहिए।गौरतलब है कि इस मामले में आप नेता दिलीप पांडे का आरोप है कि बीजेपी और एलजी ने सांठ-गांठ करके दिल्ली के पांच हजार से ज्यादा शिक्षकों का तबादला कर दिया है। इसका असर शिक्षा प्रणाली पर सीधे तौर पर पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि एक शिक्षक जिस स्कूल में जाता है, वहां वह बच्चों, उनके माता-पिता और स्टाफ के साथ एक रिश्ता बनाता है। इससे वह अपना काम और अच्छे से कर पाता है।दिलीप पांडे ने बताया है कि जब इस तरह के ट्रांसफर की बात शिक्षा मंत्री आतिशी को मालूम हुई, तो उन्होंने इस तरह के तबादलों का विरोध किया है और कहा है कि इसे रद्द किया जाना चाहिए। दिलीप पांडे ने सवाल उठाया है कि दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी के निर्देशों के बाद भी यह फैसला कैसे आया, इस बात का जवाब तो एलजी साहब या बीजेपी दे सकती है।दिलीप पांडे के मुताबिक दिल्ली के सभी शिक्षक एलजी साहब से सवाल पूछ रहे हैं कि शिक्षा मंत्री के निर्देशों के बाद भी ट्रांसफर का यह तुगलकी फरमान क्यों जारी किया गया? इस तुगलकी फरमान से साबित हो गया है कि बीजेपी नहीं चाहती है कि दिल्ली के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ें और आगे बढ़ें। वह बच्चों का उज्जवल भविष्य नहीं देखना चाहती।

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