मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा का बिजली विभाग पर प्रदर्शन
मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा एक्सईएन को, मांगों को पूरा किए जाने की मांग की
United Kisan Morcha protested at the electricity department regarding their demands, handed over a memorandum addressed to the Chief Minister to the XEN, demanded that their demands be met
भदोही। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान नेताओं ने विद्युत वितरण खंड प्रथम कार्यालय पर सोमवार को प्रदर्शन किया। जहां मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन एक्सईएन विद्युत को सौंपकर भयंकर गर्मी के मौसम में हो रही विद्युत कटौती पर रोक लगाने, बिजली का निजीकरण न करने, बिजली मूल्य न बढ़ाने आदि की मांग की गई।
इस दौरान अध्यक्ष इंद्रदेव पाल ने कहा कि दैनिक जीवन में बिजली मानव जीवन की एक प्रमुख आवश्यकता हो गई है। घरों में रौशनी से लेकर कृषि कार्य एवं उद्योग सभी बिजली पर निर्भर है। संविधान में इस बात का उल्लेख किया गया है कि बिजली नो प्राफिट-नो लास के आधार पर दी जाएगी। परंतु बार-बार बिजली बिल बढ़ाकर गरीब जनता, किसान, मजदूर एवं उद्योग पर भयावह दुष्परिणाम का प्रभाव पड़ने से बहुत से घरों में अंधेरा छा जाएगा। ऐसे में बिजली का निजीकरण और बिजली मूल्य में वृद्धि न की जाए। भानसिंह मौर्य ने कहा कि आए दिन बराबर बिजली की कटौती हो रही है। इस भयंकर गर्मी में पानी और हवा के लिए लोग बिलबिला जा रहे हैं। जिसको दुरुस्त किया जाए। स्मार्ट मीटर को कत्तई न लगाया जाए। क्योंकि पुराने मीटर की रीडिंग की अपेक्षा स्मार्ट मीटर ज्यादा गति से चलता है। बिजली मूल्य डेढ़ से दो गुना अधिक तक आता है। यह जनता के साथ अन्याय है। महासचिव रामजीत यादव ने कहा कि बिजली विभाग में लाखों पद खाली पड़े हैं। रिक्त पदों भर्ती कराई जाए और संविदाकर्मियों को स्थाई किया जाए। चुनाव के समय वादा किया गया था कि 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी। उसे लागू किया जाए। सुशील श्रीवास्तव ने कहा कि आंधी-पानी से आपूर्ति बाधित होने पर उसे तत्काल ठीक कराई जाए। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं द्वारा की गई शिकायत पर फाल्ट को तुरंत ठीक कराया जाए और मनमानी वसूली पर रोक लगाई जाए। उपभोक्ताओं की शिकायत पर 2-3 दिन तक दौड़ाने के बाद शिकायतों को ठीक किया जाता है। उस पर रोक लगाई जाए।इस मौके पर जगन्नाथ मौर्य, भुलाल पाल, प्रेम बहादुर, केशव प्रसाद, रामचंद्र पटेल, जयप्रकाश, घनश्याम गौतम, अमृतलाल मौर्य, बनारसी सोनकर आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।