Azamgarh :24 घंटे के भीतर पुलिस ने हत्या की घटना का पर्दाफाश करते हुए दो को किया गिरफ्तार
24 घंटे के भीतर पुलिस ने हत्या की घटना का पर्दाफाश करते हुए दो को किया गिरफ्तार
आजमगढ़ ब्यूरो चीफ राकेश श्रीवास्तव
वादी मुकदमा सोहराज अहमद S/O नियाज अहमद ग्राम गौरा थाना कप्तानगंज जनपद आजमगढ़ ने तहरीर दाखिल किया कि मेरे बेटे फहद की किसी अज्ञात व्यक्तियो द्वारा धारदार हथियार से गले पेट व सिर पर वार कर गमछे से दोनो हाथ बाँध कर हत्या किया गया इस सूचना पर थाना कप्तानगंज पर मु0अ0सं0 113/25 धारा 103(1) बीएनएस बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया जिसकी विवेचना मुझ थानाध्यक्ष कप्तानगंज विवेक कुमार पाण्डेय द्वारा सम्पादित की जा रही है।
दिनांक 02.05.2025 को थानाध्यक्ष कप्तानगंज विवेक कुमार पाण्डेय मय हमराह को सूचना मिली कि मुकदमा उपरोक्त की विवेचना से प्रकाश में आए अभियुक्त मो0 हामिद उर्फ सद्दाम पुत्र मो0 सलमान व आतिफ खान पुत्र मेराज निवासीगण ग्राम गौरा थाना कप्तानगंज जनपद आजमगढ़ अपने घर छोडकर सुबह चले गया था तथा यह भी जानकारी हुई है कि आतिफ छाता का पुरा हाइवे पुल के नीचे खड़ा है कहीं भागने की फिराक मे है। इस सूचना पर थानाध्यक्ष विवेक पाण्डेय मय हमराही कर्मचारीगण के छाता का पुरा हाइवे पुल के पास पहुंच कर आतिफ खान पुत्र मेराज निवासी ग्राम गौरा थाना कप्तानगंज जनपद आजमगढ़ को रात्री 12.45 बजे गिरफ्तार किया गया तथा उसकी निशानदेही पर जेहरा पिपरी आया जहाँ दूसरे अभियुक्त हामिद उर्फ सद्दाम पुत्र मो0 सलमान निवासी ग्राम गौरा थाना कप्तानगंज जनपद आजमगढ़ को समय करीब 01.35 बजे रात्री में जेहरा पिपरी से हिरासत पुलिस मे लिया गया। अन्य अग्रिम विधिक कार्यवाही प्रचलित है।
गिरफ्तार अभियुक्त मो0 हामिद उर्फ सद्दाम द्वारा पूछताछ में बताया गया कि, मृतक फहद के दोस्त संगम से मेरे छोटे भाई सहवान से एक महीने पहले कहा सुनी हुई थी और कई बार उसने मेरी बहन को आते जाते कमेन्ट करता था । उसी बात को लेकर मैने फहद को डांटा था तथा चेतावनी दी थी कि मेरे भाई को कुछ कहोगे तो तुम्हारे लिये अच्छा नही होगा । उसके बाद मै अपने मौसा नन्हे के घर चला गया वहाँ पर मै रोटी पकाने का काम करता था तथा जब भी मै घर आता था तो फहद मुझे जान से मारने की धमकी देता था क्योकि वह बडे घर का था मै डर गया कि कहीं वह मेरा नुकसान न कर दे इसी के चलते मैने सोचा कि मुझे जल्द ही फहद को रास्ते से हटाना पड़ेगा मेरे दिमाग मे यह बात चलती रही । दिनांक 01.05.2025 को जब मै सरायमीर से अपने घर आया कि समय करीब 04.00 बजे शाम को फहद मुझे नशे की हालत मे मिला और मुझसे कहा कि तुम कमा कर आये हो मुझे पार्टी दो उक्त बात की सूचना मैने अपने दोस्त आतिफ खान पुत्र मेराज को दिया मै तथा आतिफ एवं फहद शाम को फहद की प्लैटिना मोटर साइकिल से पार्टी करने हेतु तीनो लोग एक साथ बैठकर कोईनहा बाजार गये वहाँ से हम लोगो ने तीन बीयर की कैन खरीदी और बीयर को हम लोग गाँव के पूरब स्थित लक्ष्मी यादव के बंद पड़े ईट भट्ठे के बगल लगे हुए बबूल के पेड़ के नीचे खरीदी हुई बीयर की कैन को रख कर मै वहीं पर खडा रहा आतिफ व फहद चखना लेने के लिये फहद की बाइक से रोड पर गये इसी बीच मै अपने घर से नई खरीदी हुई चाकू जो फहद को सबक सिखाने हेतु रखा था लेकर आ गया था यह उन दोनो को जानकारी नही थी फहद द्वारा अपनी बाइक अपने घर पर खड़ी करके पैदल ही फहद व आतिफ ईंट भट्ठे पर अपने साथ चखना के लिये हरी मटर नमकीन , सिगरेट तथा चाऊमीन लेकर आये हम लोग ईंट भट्ठे पर इकट्ठे हुए जिसमे फहद द्वारा बीयर की डेढ़ कैन पिया गया तथा आतिफ द्वारा एक कैन पिया गया एवं मेरे द्वारा आधी कैन पी गयी । जब मैने देखा कि फहद जो पहले से नशे मे था तथा अब हम लोगो के साथ मे भी डेढ़ कैन बीयर पी गया था पूरी तरीके से नशे की हालत मे हो चुका था वह ठीक से चल भी नही पा रहा था कि मैने फहद का हाँथ अपने कंधे पर रखकर चलने लगा कि कुछ दूर चलने के बाद जब मै भट्ठे के बगल खेत से करीब 100 मीटर चकरोड पर पहुँचा तो मैने आगे पीछे देखते हुए कि कोई आ तो नही रहा है अंधेरा है, मैने अपना चाकू निकालकर फहद को पीछे से फहद का हाथ अपने कन्धे से उतार कर अपने बांये हांथ से उसकी गर्दन को जकड़ लिया तथा दाहिने हाथ से चाकू को उसके गले पर लगा कर तेज रेंत दिया, कुछ समय पश्चात उसकी मृत्यु हो गयी इत्मिनान होने पर आतिफ द्वारा उसका हाथ पकडा गया तथा मेरे द्वारा उसका पैर पकड़ कर कुछ दूर टांग कर तथा कुछ दूर घसीटकर लक्ष्मी यादव के बंद पड़े ईंट भट्ठे के चिमनी के नीचे उसकी लाश को छिपा दिया गया साहब फहद को मारते समय मेरे दोस्त आतिफ का फोन वहीं पर गिर गया था जिसका मोबाइल नम्बर 904423XXXX है जिस पर आतिफ द्वारा मेरे मोबाइल नं0 965143XXXX से अपने मो0नं0 904423XXXX पर फोन किया फोन की घन्टी पर हम लोग भट्ठे के किनारे से अपने दोस्त की मोबाइल उठाकर तथा भट्ठे पर पी गयी खाली बीयर कैन व अंधेरे मे मिली फहद की एक हादिने पैर की चप्पल को मजार के पास फेक दिये उसके बाद हम दोनो रामआसरे नाई के घर के सामने लगे सरकारी हैण्डपम्प पर खून लगे हाथ पैर को धुले तथा घटना मे प्रयुक्त चाकू को रामाआसरे की मण्डई के बगल मे नरकट के झुण्ड मे फेक दिये उसके बाद हम लोग अपने घर चले गये उसके बाद मैने अपने कपड़े को जिसमे खून लगा था उसे धुल दिया और दूसरा कपड़ा पहनकर हम दोनो लोग लगभग 09.30 बजे सुबाष पुत्र गिरजा के घर बहुभोज मे जाकर खाना खाये और घर आकर सो गये।