तूफान ने छीन लिया छत भी, सहारा भी: गाजीपुर में आंधी से कच्चा मकान ढहा, पति-पत्नी की मलबे में दबकर मौत, दो बेटे अनाथ
गाजीपुर। सैदपुर तहसील क्षेत्र में रविवार शाम आई तेज़ आंधी ने एक परिवार की खुशियों को पलभर में मातम में बदल दिया। रामपुर माझा थाना क्षेत्र के खानकाह कला गांव की हरिजन बस्ती में बहादुर राम (45) और उनकी पत्नी प्रेम देवी (42) अपने कच्चे मकान में थे, जब अचानक ज़मीन से उठा तूफान आसमान से कहर बनकर बरसा।
तेज़ हवाओं के झोंके में उनका कच्चा मकान ढह गया। मकान की मिट्टी और ईंटों के नीचे पति-पत्नी दब गए। ग्रामीणों ने बिना देर किए राहत कार्य शुरू किया, लेकिन प्रेम देवी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। गंभीर हालत में बहादुर राम को सैदपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने भी अंतिम सांस ली।
माँ-बाप की एक साथ गई जान ने उनके दो जवान बेटों की दुनिया उजाड़ दी। 19 और 21 साल के इन बेटों के आंखों के सामने उनके माता-पिता की ज़िंदगी मलबे में दफ़न हो गई। गांव में मातम पसरा है, हर आंख नम है और हर दिल कांप उठा है इस त्रासदी से।
सूचना मिलते ही रामपुर माझा पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। प्रशासन की ओर से अभी तक किसी मुआवज़े की घोषणा नहीं हुई है।
अब सवाल यह है — क्या प्राकृतिक आपदा से जान गंवाने वालों का यही अंजाम होना चाहिए? क्या इन दो बेटों को अब अपने भविष्य के लिए अकेले संघर्ष करना होगा?
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