मातृशक्ति के सम्मान में सजी भव्य संध्या: इंटरनेशनल मदर्स डे 2025 पर वसई में ‘विश्व मातृशक्ति दिवस सम्मेलन’ का आयोजन
A grand evening in honor of Matrashakti: 'Vishwa Matrashakti Divas Sammelan' organized at Vasai on International Mother's Day 2025
मुंबई,– मातृत्व के निस्वार्थ प्रेम और समर्पण को सम्मानित करने के उद्देश्य से आर.के. इनिशिएटिव,ऑल इंडिया आर्टिस्ट एसोसिएशन, और मीरा-भायंदर वसई-विरार साइबर क्राइम अवेयरनेस* के संयुक्त तत्वावधान में वसई में ‘विश्व मातृशक्ति दिवस सम्मेलन’का भव्य आयोजन किया गया।
इस समारोह का नेतृत्व आर.के. इनिशिएटिव की संस्थापक रेखा गौड़ और कविता नलवा ने किया। दोनों ने अपने संदेश में मातृत्व की भूमिका को जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा बताते हुए कहा:
> हमारी माताओं का प्यार और समर्थन हमारी सफलता की नींव और राह का उजाला है।
कविता नलवा ने कहा,
> विश्व मातृशक्ति दिवस हर मां के निस्वार्थ प्रेम की पहचान और सम्मान का प्रतीक है।
इस अवसर पर 21 विशिष्ट माताओं को सम्मानित किया गया। रेखा गौड़ ने घोषणा की कि यह परंपरा अब प्रतिवर्ष आयोजित की जाएगी, ताकि हर वर्ष समाज में प्रेरणादायक माताओं को उनके योगदान के लिए पहचान मिल सके।
मुख्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति:
प्रसिद्ध अभिनेता और ऑल इंडिया आर्टिस्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट रोहिताश्व गौड़
अभिनेत्री प्रतिमा कन्नन
अभिनेत्री सोमा राठौड़
निर्देशक सचिन कन्नन
सुमन मेहता चेयरमैन – 7 इलेवन ग्रुप ऑफ कंपनीज़
वसई क्षेत्र की विधायक स्नेहा दुबे पंडित
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख हस्तियों ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए मातृत्व के महत्व को रेखांकित किया:
रोहिताश्व गौड़ ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां और पत्नी रेखा गौड़ को दिया, जो एसोसिएशन की वाइस प्रेसिडेंट भी हैं।प्रतिमा कन्नन ने अपने बेटे सचिन कन्नन को अपनी प्रेरणा बताया।सोमा राठौड़ ने अपने गोद लिए दो बेटों का नाम लेकर भावुक होते हुए कहा कि वे ही उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं।सुमन मेहता ने अपने परिवार और बच्चों को अपनी सफलता की आधारशिला बताया।विधायक स्नेहा दुबे पंडित ने भी अपनी मां के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके सहयोग के बिना सार्वजनिक जीवन में उनकी सफलता संभव नहीं थी। इस अवसर पर उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की ‘मातृ-सम्मान नीति’ की घोषणा करते हुए कहा कि अब राज्य में हर नवजात शिशु के नाम के साथ मां का नाम भी अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाएगा। उन्होंने लोगों से पहले से जन्मे बच्चों के दस्तावेज़ों में भी यह पहल अपनाने की अपील की।
—“मातृशक्ति को नमन, सम्मान और पहचान देने की यह प्रेरणादायक पहल आज से एक नई परंपरा बन चुकी है।”