संघ के एजेंडे की खातिर सेना की सुरक्षा और देश को दांव पर लगा रही है मोदी सरकार : जसविंदर सिंह

Modi government is putting the security of the army and the country at stake for the sake of RSS agenda: Jaswinder Singh

संजय पराते की रिपोर्ट

भोपाल। केंद्र में बैठी मोदी सरकार आरएसएस के हिंदुत्व के एजेंडे को देश पर जिस तरह से थोप रही है, उससे सेना की सुरक्षा और देश की एकता और अखंडता दोनों को दांव पर लगा रही है। यह आरोप माकपा के मध्यप्रदेश राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने आज यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में लगाए।उन्होंने कहा कि भारत को हमेशा अपनी सेना पर गर्व रहा है। भारतीय सेना विश्व की सबसे अनुशासित, समर्पित और बहादुर सेनाओं में गिनी जाती है। धर्मनिरपेक्षता, साम्प्रदायिक सदभाव और मानवता के प्रति उसका विश्वास गौरवमयी तो है ही, भविष्य के प्रति उम्मीद भी जगाता है। लेकिन केंद्र में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सेना की यही प्रतिष्ठा और पहचान दांव पर लगाई जा रही है। सरकार की कोशिश आने वाले दिनों में सेना में सांप्रदायिक जहर घोलने की है, जो हमारी देश की सुरक्षा, एकता और अखंडता के लिए भी खतरनाक होगा। मंत्री विजय शाह की कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई टिप्पणी और उस पर भाजपा की चुप्पी से यह बात और साफ हो गई है।उन्होंने कहा कि देश भर में रक्षा मंत्रालय की ओर से सैनिक स्कूल चलाए जाते हैं। मध्यप्रदेश में भी रीवा में ऐसा ही एक स्कूल है, जो देश भर में अपनी पहचान बना चुका है। चार साल पहले केंद्र सरकार ने निर्णय लिया था कि निजी क्षेत्र की मदद से पब्लिक-प्राईवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत देश भर में सौ और सैनिक स्कूल खोले जाएंगे। इन स्कूलों का आबंटन रक्षा मंत्रालय के अंर्तगत गठित सैनिक स्कूल सोसाईटी करती है। पीपीपी मोड पर खोले जा रहे स्कूलों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने बताया कि अभी तक खोले गए स्कूलों में से 70 प्रतिशत स्कूल आरएसएस और भाजपा नेताओं को संचालन के लिए दिए गए हैं। यह खतरनाक बात है, क्योंकि आरएसएस की फासीवादी-साम्प्रदायिक विचारधारा से हम सब वाकिफ हैं। हम जानते हैं कि सरस्वती शिशु मंदिरों में कैसे बच्चों की कोमल मानसिकता में जहर भरने की कोशिश होती है।माकपा नेता ने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले चार सालों में पीपीपी मोड से पांच सैनिक स्कूल खोले गए हैं। यह स्कूल मंदसौर, नीमच, खरगौन, कटनी और नर्मदापुरम में हैं। इन सारे स्कूलों का संचालन आरएसएस से जुड़े संगठनों को सौंपा गया है। अब छठवां सैनिक स्कूल नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव में खुलने जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसका उदघाटन करने वाले हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस स्कूल का नामकरण मणि नागेंद्र सिंह के नाम से किया गया है। उल्लेखनीय है कि मणि नागेंद्र भाजपा नेता और पंचायत मंत्री प्रह्लाद पटेल के भतीजे और जालिम सिंह पटेल के बेटे थे।माकपा नेता ने मणि नागेंद्र सिंह के बारे में मीडिया को जो जानकारियां दी है, वे चौंकाने वाली हैं। माकपा नेता ने दावा किया है कि वर्ष 2019 में एक दलित के साथ मारपीट के अपराध में वर्ष 2023 में मणि नागेंद्र को गिरफ्तार किया गया था और वे करीब 15 दिन तक जेल में रहे थे। इसी प्रकार, नरसिंहपुर की एक अदालत ने वर्ष 2021 में मणि नागेंद्र को अपराधिक मामले में चार अन्य अपराधियों के साथ एक साल की सजा सुनाई थी। माकपा नेता ने यह भी जानकारी साझा की कि मणि नागेंद्र की पत्नी नीतू सिंह ने उन पर महिला उत्पीड़न और दहेज उत्पीड़न के आरोप भी लगाए थे और पुलिस थाने में एफआइआर भी दर्ज की थे। नीतू सिंह ने अपने पति पर नशे के आदी होने का आरोप भी लगाया था। वर्ष 2023 में संदिग्ध परिस्थितियों में मणि नागेंद्र की मृत्यु हो गई थी।उन्होंने कहा कि आमतौर पर सार्वजनिक संस्थानों का नामकरण उन विभूतियों के सम्मान में किया जाता है, जिन्होने समाज और देश के विकास में विभिन्न क्षेत्रों में योगदान किया हो। शिक्षण संस्थानों और विशेषकर सैनिक स्कूलों के नामकरण को लेकर तो हमें और भी संवेदनशील होना चाहिए। एक अपराधी, नशे के आदी, दलित, महिला और दहेज उत्पीड़न के मामलों के आरोपी के नाम पर सैनिक स्कूल का नामकरण चिंताजनक है। भाजपा सरकार इससे क्या संदेश देना चाहती है?इन स्कूलों से निकले बच्चे अगर सेना में जाएंगे तो सेना के धर्मनिरपेक्ष और स्वतंत्र चरित्र का क्या होगा? यह हम सबके लिए चिंता का विषय होना चाहिए। उन्होंने बताया कि सैनिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए देश का रक्षा मंत्रालय 40 हजार रुपए प्रति छात्र के रूप में इन स्कूलों को अनुदान देता है। यह आर्थिक सहायता आरएसएस जैसे फासीवादी साम्प्रदायिक विचारधारा वाले संगठनों के लिए खाद-पानी का काम करता है।जसविंदर सिंह के कहा कि न केवल गोटेगांव में एक अपराधी के नाम पर सैनिक स्कूल के नामकरण का माकपा विरोध करती है, बल्कि मांग करती है कि सैनिक स्कूलों का संचालन सरकार को करना चाहिए और आरएसएस – भाजपा नेताओं को संचालन के लिए आवंटित स्कूलों का भी सरकार को अधिग्रहण करना चाहिए।माकपा नेता ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी करने वाले विजय शाह को भी मंत्रीमंडल से तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है।

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