पहलगाम से पहले जब बॉलीवुड बनता था देश की आवाज़
There was a time when Bollywood did not just make films, it was the face of the country's emotions. During the wars of 1962 and 1971, stars like Raj Kapoor, Nargis, Manoj Kumar, Lata Mangeshkar used to do relief shows across the country, raise funds and instill enthusiasm in the people. During that period, Bollywood was not behind the scenes, but was standing at the forefront
एक वक्त था जब बॉलीवुड सिर्फ फिल्में नहीं बनाता था, वह देश के जज़्बातों का चेहरा था। 1962 और 1971 की जंगों के दौरान राज कपूर, नरगिस, मनोज कुमार, लता मंगेशकर जैसे सितारे देशभर में राहत शो करते थे, फंड जुटाते थे और लोगों में जोश भरते थे। उस दौर में बॉलीवुड परदे के पीछे नहीं, सबसे आगे खड़ा था।
लेकिन अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोगों की जान गई, बॉलीवुड की चुप्पी चुभने वाली थी। कुछ गिने-चुने पोस्ट हुए, मगर न कोई एकजुटता दिखी, न दिल से कोई आवाज़ उठी।
पत्रकार सोनल कालरा ने अपने शो द राइट एंगल में, जो गौतम ठक्कर फिल्म्स द्वारा प्रोड्यूस किया गया है, इस चुप्पी पर ध्यान दिलाया और बताया कि आज का बॉलीवुड राष्ट्रीय संकटों के समय पहले जैसा मुखर नहीं रहा।
कभी बॉलीवुड बिना कहे खड़ा हो जाता था। आज जब देश उम्मीद की तरफ देख रहा है, तो ये चुप्पी अजीब सी लगती है। और शायद कहीं ना कहीं, वो इंडस्ट्री जो हकीकत, बॉर्डर और रोजा जैसी फिल्में देती थी, अब सिर्फ बोलने से भी हिचक रही है।