बासुपार में विवादित जमीन को लेकर हंगामा — एक पक्ष ने बताया दलित कब्रिस्तान, दूसरे ने खरीदी गई निजी जमीन

Ruckus over disputed land in Basupar - one party said it was a Dalit cemetery, the other said it was private land

जीयनपुर, आज़मगढ़:थाना जीयनपुर क्षेत्र के बासुपार गांव में रविवार को एक विवादित भूमि को लेकर भारी हंगामा हो गया। एक पक्ष ने उक्त भूमि को दलित समुदाय का पुश्तैनी कब्रिस्तान बताते हुए उस पर कब्जे की कोशिश का विरोध किया, वहीं दूसरे पक्ष ने जमीन को वैध बैनामे के तहत खरीदी गई निजी संपत्ति बताते हुए प्रशासन से उसकी निशानदेही कराने की मांग की।

ग्रामीणों के एक समूह का कहना है कि विवादित भूमि दलित समुदाय का पुराना कब्रिस्तान है, जहां उनकी कई पीढ़ियों के पुरखे दफन हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि चकबंदी के दौरान धोलीपुर गांव के एक व्यक्ति ने इस जमीन को गलत तरीके से अपने नाम चक में दर्ज करा लिया और बाद में इसे बरडीहा निवासी अब्दुल रहमान को बेच दिया। यह मामला फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है। वहीं
बैनामेदार अब्दुल रहमान का कहना है कि उन्होंने 2012 में उक्त भूमि का वैध रूप से बैनामा कराया था और उसकी पक्की पैमाइश के लिए राजस्व विभाग से आवेदन किया था। रविवार को SDM के आदेश पर राजस्व टीम और पुलिस बल मौके पर पहुंची थी ताकि निशानदेही की जा सके। उनका कहना है कि उनकी जमीन के पीछे नवीन परती है और उसके बाद कब्रिस्तान की जमीन है।जैसे ही राजस्व टीम जमीन की सीमा तय करने पहुंची, ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौके पर पहुंच गईं और जोरदार विरोध किया। उनका कहना था कि जब मामला न्यायालय में लंबित है, तो किसी प्रकार की पैमाइश या पत्थर गाड़ने की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
विवाद को बढ़ता देख कानूनगो ने स्थिति को शांत करते हुए दोनों पक्षों को मंगलवार को तहसील में उपजिलाधिकारी (SDM) के समक्ष वार्ता के लिए बुलाया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी पक्ष के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा और जो भी निर्णय होगा वह दस्तावेजी साक्ष्यों और न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार लिया जाएगा।

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