Azamgarh :माता अहिल्याबाई का त्रिशताब्दी जयंती 31 मई को मनाई जाएगी

माता अहिल्याबाई का त्रिशताब्दी जयंती 31 मई को मनाई जाएगी

 

आजमगढ़ ब्यूरो चीफ राकेश श्रीवास्तव
जिलाधिकारी श्री रविन्द्र कुमार-।। ने बताया है कि माता अहिल्याबाई होलकर (1725-1795) भारतीय इतिहास की एक महान शासिका और समाज सुधारक थीं। वे मराठा साम्राज्य के होलकर वंश की प्रमुख थीं और उन्हें भारतीय इतिहास में उनके न्यायप्रिय शासन और धर्मार्थ कार्यों के लिए याद किया जाता है। अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चौंडी गांव में हुआ था। उनका विवाह खंडेराव होलकर से हुआ, जो इंदौर के होलकर वंश के वारिस थे। अहिल्याबाई ने अपने पति और ससुर की मृत्यु के बाद इंदौर की सत्ता संभाली। उनके शासनकाल को सुसंगठित शासन, न्याय, पारदर्शिता, और प्रजा हितैषी नीतियों के लिए जाना जाता है। उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों में मंदिरों, कुंडों, और धर्मशालाओं का निर्माण करवाया। वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर, सोमनाथ मंदिर, और अन्य प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण उनके संरक्षण में हुआ। अहिल्याबाई ने अपने शासनकाल में इंदौर को एक आदर्श राज्य बना दिया। उन्होंने सड़कों, पानी के साधनों और व्यापारिक मार्गों का विकास किया। अहिल्याबाई की महानता उनके धर्म, दान, और न्यायप्रिय शासन में झलकती है। उनके व्यक्तित्व को इतिहास में एक आदर्श शासिका और मानवतावादी के रूप में याद किया जाता है। अहिल्याबाई ने महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के लिए काम किया। वे महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों के खिलाफ खड़ी हुई और समाज में उनके उत्थान के लिए प्रयास किए। ये अपनी प्रजा की समस्याओं को सुनती थीं और तत्काल समाधान प्रदान करती थीं। उनकी प्रजा उन्हें श्लोकमाताश् कहकर पुकारती थी।
तत्कालीन परिस्थितियों में अपने उच्च विचारों एवं आदर्श नैतिक आचरण के चलते माता अहिल्याबाई होल्कर का नाम बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। उनके उत्कृष्ट गुणों के कारण इतिहास में उनका विशिष्ट स्थान है। माता अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जयंती के अवसर पर माता अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी वर्ष मनाया जाना है। माता अहिल्याबाई होल्कर के व्यक्तित्व और योगदान को सम्मानित करने हेतु प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों/गतिविधियां आयोजित की जानी हैं।
उन्होने डीआईओएस/बीएसए को निर्देशित किया है कि जयंती के अवसर पर उच्च एवं माध्यमिक स्तर के सरकारी/गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में माता अहिल्याबाई होल्कर के नौतिक विचारों को विद्यार्थियों के मध्य प्रचारित-प्रसारित किया जाये। इस हेतु माता अहिल्याबाई होल्कर के शासन और समाज सुधारों तथा विचारों पर आधारित विशेष सत्रों/कार्यशालाओं का आयोजन किया जाये। इतिहासकारों और विद्वानों द्वारा उनके व्यक्तित्व, कर्तव्यों और शासन पद्दति तथा समाजसुधारों पर व्याख्यान का आयोजन किया जाये। उन्होने कहा कि जनपद के विश्वविद्यालय/स्कूल एवं कालेजों में माता अहिल्याबाई होल्कर जी के जीवन आदर्शों पर निबन्ध लेखन/प्रश्नोत्तरी/कविता/ भाषण आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाये। माता अहिल्याबाई होल्कर के जीवन पर बनी डाक्यूमेंट्री या फिल्मों का प्रदर्शन का आयोजन किया जाये।
उन्होने कहा कि माता अहिल्याबाई होल्कर द्वारा देश में अनेकों मंदिरों का जीर्णाेद्धार कराया और हमारी प्राचीन धरोहरों का को संरिक्षत करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होने पर्यटन अधिकारी को निर्देशित किया है कि उनकी जन्म त्रिशताब्दी वर्ष पर जनपद की ऐसी प्राचीन धरोहरों को चिन्हित कर उनके जीर्णाेद्धार का कार्य कराते हुए आम जनमानस में इसकी महत्ता को विभिन्न डिजिटल माध्यमों से प्रचारित-प्रसारित किया जाये। उन्होने कहा कि उनके द्वारा स्थापित मंदिरों और नदी घाटों के सुन्दरीकरण एवं स्वच्छता अभियान चलाया जाये।
उन्होने कहा कि माता अहिल्याबाई होल्कर जी के प्रेरणादायी वचनों एवं प्रसंगों को डिजिटल एवं सोशल मीडिया पर लघु फिल्म एवं ग्राफिक्स डिजाइन कर प्रचारित-प्रसारित किया जाये। माता अहिल्याबाई होल्कर जी के जीवन आदर्शों से परिचित कराने हेतु उनके जीवन पर बनी डाक्यूमेंट्री या फिल्मों/लघु पुस्तिकाओं को तैयार कराकर प्रचारित किया जाये, जिन्हें विशेष रूप से सोशल मीडिया साइट पर प्रचारित-प्रसारित किया जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि माता अहिल्याबाई होल्कर जी द्वारा जीर्णाेद्धार किये गये मंदिरों में उनके जीवन यात्रा पर आधारित चित्रकला कार्यशालाओं का आयोजन एवं अभिलेख प्रदर्शनी का आयोजन किया जाये।
बनारस के काशी विश्वनाथ धाम में 31 मई, 2025 को जन्म त्रिशताब्दी वर्ष महोत्सव समापन समारोह के अवसर पर राज्य स्तरीय आयोजन सुनिश्चित किया जायेगा। इस राज्य स्तरीय आयोजन के अवसर पर समस्त जनपदों में जनसहभागिता के साथ भव्य आयोजन किये जायेंगे, जिनमें बनारस में आयोजित राज्य स्तरीय आयोजन का लाइव प्रसारण किया जायेगा।
जिलाधिकारी ने महिला कल्याण/समाज कल्याण विभाग को निर्देशित किया है कि गरीब बच्चों के लिए किताबों का वितरण और महिलाओं एवं बच्चों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच का आयोजन किया जाये। महिला सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन एवं महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के सन्देश के साथ प्रेरणा रैली का आयोजन किया जाये।

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