रानी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन धर्म, संस्कृति व राष्ट्र के प्रति था समर्पित: सपा
समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय में मनाई गई रानी अहिल्याबाई होल्कर की जयंती
भदोही। समाजवादी पार्टी के कंसापुर स्थित जिला कार्यालय में रानी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस दौरान जिलाध्यक्ष प्रदीप यादव ने कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के जामखेड कस्बे के ग्राम चांडी में हुआ था। अब इस जिले को अहिल्यानगर कहा जाता है। उनके मनकोजी राव शिंदे मराठा सेना में एक सैनिक थे। होल्कर वंश की महारानी अहिल्याबाई होल्कर की आज जयंती है। उन्होंने कहा कि जब देश में सती होने की कुप्रथा हुआ करती थी। उस दौर में अहिल्याबाई होल्कर ने होल्कर वंश की कमान संभाली। वो अपनी प्रजा को अपनी संतान से भी ज्यादा प्यार करती थी। न्याय ऐसा कि अपने बेटे की गलती के लिए उसे मौत की सजा सुना दी। उन्हें लोग लोकमाता कहकर संबोधित करते थे। श्री यादव ने कहा कि उनका सादगीपूर्ण जीवन, धर्म, संस्कृति और राष्ट्र के लिए समर्पण ऐसा था कि उन्हें द
फिलॉसफर क्वीन की उपाधि दी गई। वें शिव भक्त थीं और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काफी काम किया। उन्होंने पूरे भारत राष्ट्र में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का अभियान चलाया। देश का ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां उन्होंने मंदिर, प्रवचन कक्ष, अन्नक्षेत्र, विद्यालय या व्यायामशाला की स्थापना न की हो। कलकत्ता से बनारस तक सड़क का निर्माण कराया। वें सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष सलाउद्दीन अंसारी, कल्लन यादव, लालचंद बिंद, संतोष यादव, धर्मेंद्र मिश्र पप्पू, केशनारायण यादव, राजेश राय, इबरान खां, रवि यादव, बैजनाथ यादव, बच्चन पाल, प्रदीप वियोगी, वजीर आलम, महेंद्र गौड़ व पवन शुक्ला आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें। संचालन जिला महासचिव हृदय नारायण प्रजापति ने किया।