चरखी दादरी में अवैध माइनिंग को लेकर गांव वालों ने काटा बवाल, जमकर की नारेबाजी

Charkhi Dadri villagers rioted over illegal mining, chanting slogans

चरखी दादरी: हरियाणा के जिला चरखी दादरी के पिचौपा कलां पहाड़ गांव में बड़े स्तर पर अवैध माइनिंग का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने एक माइनिंग कंपनी पर अवैध रूप से पत्थरों का दोहन कर सरकार को चूना लगाने का आरोप लगाया है।

 

 

ग्रामीणों ने मंगलवार को पहाड़ क्षेत्र में एकत्रित होकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर अपना विरोध जताया। वहीं ग्रामीणों ने अवैध माइनिंग बंद करवाने और माइनिंग करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

 

 

 

 

 

 

ग्रामीणों ने बताया कि पिचौपा कलां पहाड़ में एक माइनिंग कंपनी अपनी मनमानी चलकार अवैध माइनिंग कर रही है। माइनिंग के दौरान पूरी तरह से अनियमितताएं बरतने के साथ दूसरा फ्रॉड भी किया जा रहा है। गांव वालों ने अधिकारियों पर कंपनी के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है।

 

 

 

 

 

 

ग्रामीणों ने कहा कि कंपनी के पास जो एरिया है, उससे कहीं अधिक क्षेत्र में खनन किया जा रहा है। इसके अलावा कंपनी के सालाना खनन की जो क्षमता थी वो पूरी हो चुकी है, जिसके चलते यहां से खनन नहीं किया जा सकता है। लेकिन फर्जी तरीके से यहां खनन जारी है। लगातार हो रहे अवैध खनन के कारण भूमिगत पानी भी निकल चुका है लेकिन इसके बावजूद भी खनन किया जा रहा है।

 

 

 

 

 

 

ग्रामीणों ने रोष जताते हुए कहा कि वे इस संबंध में पुलिस और प्रशासन को भी अवगत करा चुके हैं लेकिन, कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। अवैध रूप से किए जा रहे ब्लास्ट के कारण किसानों ने सिंचाई के लिए जो कुएं बनाए हैं, उनमें दरारें आ चुकी है और भूमिगत जलस्तर लगातार गिरता चला जा रहा है।

 

 

 

 

 

 

वहीं ग्रामीणों ने माइनिंग कंपनी संचालकों पर आरोप लगाते हुए कहा कि यदि इस संबंध में कोई शिकायत करता है तो जान से मारने की धमकी दी जाती है। बीते दिनों सरपंच प्रतिनिधि को भी इस प्रकार की धमकी मिल चुकी है। जल्द ही इस पर संज्ञान लेकर अवैध माइनिंग को बंद करवाने के साथ-साथ व अवैध माइनिंग करने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

 

 

 

 

 

 

पिचौपा कलां के ग्रामीण संजीव कुमार ने बताया कि कंपनी के पास 11 हेक्टेयर में खनन करने की लीज है लेकिन 20 हेक्टेयर में माइनिंग की जा रही है, जो पूनी तरह से अवैध है। उन्होंने कहा कि पहाड़ से प्रतिमाह हजारों टन पत्थर का गलत तरीके से दोहन कर सरकार को प्रतिमाह करीब 15 करोड़ रुपये का चूना लगाया जा रहा है।

 

 

 

 

 

 

ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिचौपा कलां में सालाना दोहन करने की कैपेसिटी पूरी कर ली गई है लेकिन अभी भी यहां खनन किया जा रहा है और माईकलां में बंद पड़ी कंपनी के नाम पर बिल काटे जा रहे हैं।

 

 

 

 

 

ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन द्वारा पिचौपा कलां से शीशवाला और बादल को जाने वाले लिंक मार्ग का निर्माण करवाया गया था। इस लिंक मार्ग से हरियाणा रोड़वेज की बसें भी जाती थी लेकिन कंपनी द्वारा करीब दो साल पहले इस मार्ग को उखाड़ दिया गया और वहां पर माइनिंग कर ली गई है। जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

 

 

 

 

 

दादरी माइनिंग कार्यालय में तैनात खनन निरीक्षक ने कहा कि जो भी माइनिंग की जाती है, वह सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही की जाती है। आज ही उनके संज्ञान में ये मामला आया है। यदि गलत तरीके से दूसरी कंपनी के बिल काटे जा रहे हैं तो उनकी जांच की जाएगी और जो भी उचित कार्रवाई होगी वो की जाएगी।

 

 

 

 

 

वहीं कंपनी द्वारा रास्ता उखाड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि वे बीते चार साल से वहां विजिट कर रहे हैं, उन्होंने इस प्रकार का कोई लिंक मार्ग वहां नहीं देखा है। सरकार के दिशा निर्देशों के विरूद्ध कंपनी कोई काम नहीं कर सकती।

 

Related Articles

Back to top button