Azamgarh news: न इनाम मिला न नाम एक लाख के इनामिया अभियुक्त के पीछे पुलिस होती रही परसान फ़िरभी अभियुक्त ने पुलिस को चकमा देकर करलिया अपना काम
आजमगढ़ के नरहन गांव में प्रॉपर्टी डीलर की निर्मम हत्या के मुख्य आरोपित ने पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में सरेंडर किया; पुलिस की प्रतिष्ठा दांव पर
रिपोर्ट: रोशन लाल
आजमगढ़ जिले के जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के नरहन गांव में 28 मार्च को हुई प्रॉपर्टी डीलर अश्विनी चौहान की हत्या के मुख्य आरोपी और एक लाख रुपये के इनामी घोषित अपराधी मैकू यादव उर्फ रामचंद्र यादव ने पुलिस और एसटीएफ की चार टीमों को मात देते हुए सोमवार को मऊ जनपद के सीजेएम न्यायालय में सरेंडर कर दिया। इस मामले को पुलिस प्रशासन ने अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया था, क्योंकि डेढ़ महीने से अधिक की लगातार तलाश के बावजूद आरोपी पकड़ से बाहर था।
हत्या का कारण और विवाद
हत्या की पृष्ठभूमि चुनावी प्रतिद्वंद्विता से जुड़ी बताई जा रही है। पुलिस जांच के अनुसार, यह विवाद अश्विनी चौहान के चुनाव लड़ने को लेकर हुआ था। आरोप है कि उसकी दोस्तों ने मिलकर साजिश रचकर उसे लाठियों से पीट-पीटकर बेरहमी से मार डाला। इस निर्दयी हमले ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया था। मृतक की मां शिवकुमारी ने 3 अप्रैल को मुख्य आरोपित मैकू यादव और उसके साथी गौरव सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
मामले में अन्य आरोपितों की भूमिका
जांच के दौरान पुलिस ने कई और नाम भी सामने आए हैं, जिनमें शिवम यादव, अनुराग यादव, आकाश यादव, विकास यादव, आशीष यादव, अमित यादव, सरफुद्दीन, सौरव उर्फ करिया तथा दो अज्ञात लोगों के नाम शामिल हैं। पुलिस ने शिवम यादव और गौरव सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, जबकि 20 अप्रैल को सरफुद्दीन और सौरव को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया। हालांकि, मुख्य आरोपी मैकू यादव लगातार फरार रहता रहा।
पुलिस की प्रतिष्ठा दांव पर
मैकू यादव की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस प्रशासन ने अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगा दिया था। उसकी तलाश में एसटीएफ सहित चार अलग-अलग टीमें तैनात की गई थीं और उसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। बावजूद इसके, वह पुलिस की पकड़ से बचता रहा और आखिरकार मऊ के सीजेएम कोर्ट में सरेंडर कर पुलिस की तमाम कवायद और रणनीति को असफल कर दिया।
आगे की कार्यवाही
जीयनपुर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि मैकू यादव को कोर्ट से रिमांड लेकर आगे की कड़ी जांच और कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि इस हत्या कांड के सभी दोषियों को जल्द से जल्द कानून के कठघरे में लाकर न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।
सामाजिक और राजनीतिक असर
इस हत्याकांड ने आजमगढ़ जिले में सुरक्षा की स्थिति और राजनीतिक जमीन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्षेत्र में चुनावी हिंसा और अपराध के बढ़ते मामलों ने जनता में चिंता बढ़ा दी है। स्थानीय प्रशासन पर दबाव है कि वे ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करें ताकि आम लोगों का विश्वास कायम रह सके।