बाल श्रम मुक्त जिला बनाने के लिए राष्ट्रीय मिशन शुरू नव भारतीय नारी विकास समिति, बहेरी बलिया (उत्तर प्रदेश) ने एक वर्ष में 77 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया
रिपोर्ट:अंकित गुप्ता
बलिया, उत्तर प्रदेश:
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर नव भारतीय नारी विकास समिति, बहेरी बलिया (उत्तर प्रदेश) ने अपने बाल श्रम उन्मूलन अभियान की प्रगति पर प्रकाश डाला। संगठन ने कहा कि बाल अधिकारों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर चलाए जा रहे इस अभियान के तहत पिछले एक वर्ष में जिले के 77 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया गया है।
नव भारतीय नारी विकास समिति, जो देश के सबसे बड़े नागरिक समाज नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (JRC) की सहयोगी संस्था है, ने जिले में बाल श्रम के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत 50 से अधिक छापामार अभियान चलाए गए हैं, जिनके माध्यम से बाल मजदूरी की जड़ को समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
संगठन ने राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन मिशन के शीघ्र कार्यान्वयन और इसके लिए पर्याप्त संसाधनों के आवंटन की भी मांग की है। साथ ही 18 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा सुनिश्चित करने और बाल मजदूरों के पुनर्वास के लिए विशेष पुनर्वास कोष के गठन पर जोर दिया है।
नव भारतीय नारी विकास समिति के निदेशक, अजहर अली ने कहा,
“भारत ने बाल श्रम के खात्मे में विश्व स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया है। यह सफलता राज्य सरकार और जिला प्रशासन की सतर्कता और संवेदनशीलता का परिणाम है। हम गर्व के साथ कहते हैं कि बलिया जिले में अब तक 77 बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया है। पुनर्वास और अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई के जरिए ही बाल मजदूरी को पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है। हमारा प्रयास है कि जल्द ही बलिया एक बाल श्रम मुक्त जिला बने।”
इस अवसर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में लोगों को बाल श्रम के दुष्प्रभावों से जागरूक किया गया और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा हेतु संकल्प लिया गया। साथ ही जिलास्तरीय चाइल्ड लेबर टास्क फोर्स के गठन की भी मांग की गई, जो बाल श्रम के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।