Azamgarh:कर्तव्यनिष्ठ डीएम रविंद्र कुमार पर भ्रष्ट इंजीनियर का आरोप, सच्चाई को झुठलाने की कोशिश
Azamgarh: Corrupt engineer accuses dutiful DM Ravindra Kumar, tries to deny the truth
आजमगढ़, उत्तर प्रदेश – जनपद आजमगढ़ के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने अपनी स्पष्ट और पारदर्शी कार्यशैली से बहुत ही कम समय में जनता का विश्वास जीत लिया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सख्त कार्यवाही और अनुशासनप्रिय रवैया उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना रहा है। लेकिन प्रशासन में व्याप्त कुछ लापरवाह और भ्रष्ट तत्वों को यह रास नहीं आ रहा है। अब यही तत्व उन्हें बदनाम करने की कोशिश में जुट गए हैं।
ऐसा ही एक ताजा मामला सामने आया है सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अरुण सचदेव का, जो हाल ही में बाढ़ निरीक्षण के दौरान बिना सूचना के ड्यूटी से नदारद पाए गए थे। बताया जा रहा है कि अरुण सचदेव लगातार प्रशासनिक आदेशों की अनदेखी कर रहे थे और वर्चुअल कॉन्फ्रेंस की तैयारियों में भी किसी प्रकार का सहयोग नहीं दे रहे थे। जब जिलाधिकारी ने उनसे जवाबतलबी की और अनुशासन सुनिश्चित करने की कोशिश की, तो इंजीनियर साहब ने सारी सीमाएं लांघते हुए उल्टा जिलाधिकारी पर ही मारपीट का आरोप लगा दिया।
इस प्रकार का आरोप न सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था को कमजोर करता है, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अधिकारियों के मनोबल को भी ठेस पहुंचाता है। जनता इस प्रकार के षड्यंत्रों को भली-भांति समझ रही है। सोशल मीडिया से लेकर आम चर्चाओं में यही बात गूंज रही है – “यह पब्लिक है, सब जानती है।”
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बार-बार दोहराया है कि भ्रष्टाचार के लिए प्रदेश में कोई जगह नहीं है। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के नेतृत्व में आजमगढ़ में एक नई कार्यसंस्कृति की शुरुआत हो रही है, जो पूरी तरह पारदर्शिता और जवाबदेही पर आधारित है। लेकिन इस व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश वही लोग कर रहे हैं जो वर्षों से सिस्टम में घुसकर निजी लाभ ले रहे थे।
अब सवाल यह है कि क्या राज्य सरकार ऐसे असहयोगी और आरोप लगाने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करेगी? और क्या जनता ऐसे आरोपों के पीछे छिपे असली मंसूबों को समझ पाएगी?
फिलहाल तो आजमगढ़ की जनता जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के साथ खड़ी नजर आ रही है.और उम्मीद कर रही है कि ईमानदार नेतृत्व को ऐसे बेबुनियाद आरोपों से पीछे हटने की बजाय और मजबूती मिलेगी।