आजमगढ़ जनपद में संचालित हो रहे एक निजी विद्यालय की फर्जी संबद्धता सामने आने से शिक्षा विभाग में मचा तहलका
There was a stir in the education department after fake affiliation of a private school operating in Azamgarh district came to light
आजमगढ़ बलरामपुर से बबलू राय
आजमगढ़ जनपद में निजी विद्यालयों की बेतहाशा बढ़ोतरी के बीच सेन्ट्रल पब्लिक एकेडमी, हमीदपुर शहीदवारा की फर्जी सम्बद्धता का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मण्डलायुक्त कार्यालय में राजबहादुर सिंह स्मारक महाविद्यालय सेवा समिति के प्रबंधक तेजवेन्द्र कुमार सिंह की शिकायत पर संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी), आजमगढ़ मंडल की जांच में पाया गया कि विद्यालय द्वारा 2015 में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से प्राप्त सम्बद्धता के लिए प्रस्तुत दस्तावेज फर्जी थे। इस खुलासे से अभिभावकों में हड़कंप मच गया है, और सीबीएसई से संबद्धता रद्द करने के साथ विधिक कार्रवाई की मांग उठ रही है। जांच के अनुसार, सेन्ट्रल पब्लिक एकेडमी ने 2015 में सीबीएसई सम्बद्धता के लिए एलकेजी से आठवीं कक्षा तक की मान्यता का प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था, जो बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) द्वारा 4 जुलाई 2013 को जारी बताया गया। हालांकि, बीएसए कार्यालय से सत्यापन के दौरान यह पत्र फर्जी पाया गया। हैरानी की बात यह है कि विद्यालय को 29 जनवरी 2022 को प्रारंभिक मान्यता, 1 जुलाई 2023 को उच्च स्तर की अस्थायी मान्यता, और 25 सितंबर 2023 को स्थायी मान्यता प्रदान की गई थी, जबकि 2015 में ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सीबीएसई सम्बद्धता हासिल कर ली गई थी। इस खुलासे ने विद्यालय से पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों के प्रमाणपत्रों की वैधता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावकों में यह चिंता व्याप्त है कि फर्जी सम्बद्धता के आधार पर जारी प्रमाणपत्र वैध होंगे या अवैध। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सम्बद्धता फर्जी दस्तावेजों पर आधारित है, तो इससे संबंधित सभी प्रमाणपत्रों की वैधता संदिग्ध हो सकती है।
विदित हो कि सेन्ट्रल पब्लिक एकेडमी का संचालन अराजी संख्या 25 और 32 पर निर्मित भवनों में हो रहा है, जिसे 2013 में राजबहादुर सिंह स्मारक महाविद्यालय के प्रबंधक तेजवेन्द्र कुमार सिंह से 30 साल के लिए लीज पर लिया गया था। हाल ही में विद्यालय द्वारा एक नए परिसर के उद्घाटन के बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया, जिसके बाद यह शिकायत सामने आई। जांच में फर्जी सम्बद्धता का खुलासा होने से मामला और गंभीर हो गया है।