10 साल में 53 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते खुले: वित्त मंत्री

More than 53 crore Jan Dhan accounts opened in 10 years: Finance Minister

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि पिछले 10 वर्षों में गरीबों के लिए 53.13 करोड़ जन धन खाते खोले गए हैं। इनमें 2.3 लाख करोड़ रुपये जमा हैं।प्रधानमंत्री जनधन योजना के शुभारंभ की 10वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से बात करते हुए सीतारमण ने कहा, “हमारा लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान तीन करोड़ से अधिक पीएमजेडीवाई खाते खोलना है।”
उन्होंने कहा कि पीएमजेडीवाई दुनिया की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन पहलों में से एक है। मार्च 2015 में प्रति खाते में औसत बैंक बैलेंस 1,065 रुपये था, जो अब बढ़कर 4,352 रुपये हो गया है। करीब 80 फीसदी खाते सक्रिय हैं। ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 66.6 फीसदी जनधन खाते खोले गए हैं, इनमें से 29.56 करोड़ (55.6 फीसद) महिला खाताधारकों के हैं।सीतारमण ने कहा, “पीएमजेडीवाई खातों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। लोग इसमें पैसे भी जमा करते हैं। हालांकि, इस योजना में जीरो बैलेंस खातों की अनुमति है और केवल 8.4 फीसद खातों में जीरो बैलेंस है।”
सीतारमण ने कहा करीब 10 साल पहले जब मोदी सरकार पहली बार सत्ता में आई थी, तो उसने हर नागरिक को वित्तीय और बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने का लक्ष्य रखा था। इसके लिए 28 अगस्त, 2014 को शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ के तहत सबसे गरीब लोगों के बैंकों में जीरो-बैलेंस बैंक खाते खोले गए।सीतारमण ने बताया कि मनरेगा वेतन से लेकर उज्ज्वला योजना सब्सिडी और कोविड-19 के दौरान आम लोगों को पैसा मुहैया कराने तक, इस योजना ने मोदी सरकार की सफलता में बड़ी भूमिका निभाई है। आज 10 साल बाद इन खातों में आम लोगों के अरबों रुपये जमा हो चुके हैं।वित्त मंत्री ने कहा कि 14 अगस्त, 2024 तक देश में 173 करोड़ से अधिक ऑपरेटिव चालू और बचत खाते हैं, इनमें 53 करोड़ से अधिक ऑपरेटिव पीएमजेडीवाई खाते शामिल हैं।

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