शब्दों से दिलों को छू लेने वाले गीतकार हैं संजय राही

मुंबई  : गीतकार संजय राही ने अपनी अद्भुत प्रतिभा के कारण बहुत कम समय में अपनी एक विशिष्ट पहचान बना ली है। उनके लिखे गाने जी म्युज़िक, टाइम्स म्यूजिक सहित कई बड़ी म्युज़िक कम्पनी से रिलीज होकर लोकप्रियता हासिल कर चुके हैं।

नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश के एक साधारण परिवार में पले-बढ़े संजय राही को लेखन और संगीत के प्रति बचपन से ही जुनून था। उनके पिता कृष्ण कुमार वर्मा तहसीलदार थे और उनकी होम मेकर माँ प्रभा वर्मा ने उनकी क्रिएटिविटी को प्रेरित किया।

संजय राही ने अपने करियर की शुरुआत स्थानीय समाचार पत्रों और ऑल इंडिया रेडियो के लिए कॉलम लिखकर की, जहाँ उनके कॉलम रूबरू ने लोकप्रियता हासिल की। अपने सपनों को साकार करने के लिए वह मुंबई चले आए जहां प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ काम किया। नर्मदा नदी के किनारे 4,000 किलोमीटर पैदल चलकर नर्मदा परिक्रमा पूरी करने सहित महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं।

उन्हें पहला ब्रेक एक भक्ति गीत के रूप में मिला जिसे भजन सम्राट अनूप जलोटा ने गाया था और इसे टाइम्स म्युज़िक ने रिलीज किया जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
वह ऐसा संगीत बनाने के लिए समर्पित हैं जो लोगों के साथ जुड़ा हो और उनके अनुभवों और भावनाओं को दर्शाता हो।

प्रसिद्ध गायक अनूप जलोटा कहते हैं “संजय राही के गीत दिल को छूने का एक तरीका हैं। उनकी रचनात्मकता की कोई सीमा नहीं है।”
ज़ी म्यूज़िक के द्वारा उनका नया गीत रिलीज़ है ‘सूर्य तेजोमय, चंद्र शीतलता’ – भगवान राम को एक शानदार ट्रिब्यूट।

नर्मदा नदी की महानता का जश्न मनाता उनका गीत “‘रेवा रेवा’ ज़ी म्यूज़िक पर रिलीज होकर पसन्द किया जा रहा है जिसके वीडियो मे उनकी बेटी अमुधा राही ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत की है. संजय राही के काफी प्रोजेक्ट्स जल्द आने वाले हैं।

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