अभिषेक बच्चन, दैविक बाघेला और डायरेक्टर मधुमिता ज़ी5 के हृदयस्पर्शी ड्रामा कालीधर लापता के लिए भोपाल पहुँचे

अभिषेक बच्चन और दैविक बाघेला अभिनीत फिल्म, कालीधर लापता 4 जुलाई को ज़ी5 पर प्रसारित होगी!

मुंबई:

अभिषेक बच्चन, फिल्मनिर्माता मधुमिता और भोपाल के अपने स्टार, दैविक बाघेला ज़ी5 की ओरिज़नल फिल्म, कालीधर लापता के प्रमोशन के लिए सिटी ऑफ लेक्स, भोपाल पहुँचे हैं। इस फिल्म का ट्रेलर पूरे देश के लोगों के दिलों में बस गया है। फिल्म की टीम ने भोपाल आकर इस फिल्म की कहानी और इस शहर के बीच संबंध के बारे में बताया।

ज़ी5 पर 4 जुलाई को प्रसारित होने वाली कालीधर लापता का ज्यादातर फिल्मांकन भोपाल में हुआ है। यह विज़िट और ज्यादा व्यक्तिगत इसलिए भी थी क्योंकि इसके कलाकार दैविक बाघेला भोपाल से हैं। उन्होंने अपनी कला का विकास भोपाल के थिएटर से किया है। अब वो अभिषेक बच्चन के साथ इस फिल्म में दिखाई देने वाले हैं। इसलिए भोपाल आना उनके लिए घर वापसी जैसा था तथा उनके साथ पूरा शहर भावुक हो गया।

भोपाल को अपना भावुक संदेश देते हुए अभिषेक, दैविक और मधुमिता यहाँ की मशहूर अपर लेक गए, जहाँ उन्होंने सूर्यास्त का खूबसूरत फोटोशूट किया। ढलती शाम के साथ उन्होंने फ्लोटिंग दिए जलाए, जिन्होंने बहते हुए एक दूसरे से मिलकर कालीधर लापता का नाम झील के पानी पर लिख दिया। इस प्रतीकात्मक गतिविधि ने फिल्म का सार प्रतिबिंबित किया, तथा अधूरी इच्छाओं को हम सबके अंदर मौजूद स्थायी आशा के साथ प्रकाशित कर दिया। इस फिल्म के प्रमोशन के अवसर पर डॉ. इलयाराजा टी (आईएएस), सचिव, मुख्यमंत्री एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, मध्य प्रदेश स्टेट टूरिज़्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन भी मौजूद थे।

इस फिल्म का निर्माण ज़ी स्टूडियोज़ और ऐमे एंटरटेनमेंट ने किया है। इसमें एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति का जीवन दिखाया गया है, जो मैमोरी लॉस से जूझ रहा है। सब उसे छोड़ते चले जाते हैं और वह चुपचाप धोखा खाता चला जाता है। जब उसे पता चलता है कि उसके भाई-बहन उसे कुंभ के मेले की भीड़ के बीच छोड़कर चले आने की योजना बना रहे हैं, तो कालीधर अपनी खुद की शर्तों पर सबके जीवन से चले जाने का निर्णय लेता है। किस्मत उसे जीवंत बल्लू (दैविक बाघेला) से मिलाती है, जो एक 8 साल का लड़का है और भारत की भीड़ भरी सड़कों पर अकेला ही जी रहा है। संयोगवश हुई यह मुलाकात एक गहरी कहानी की शुरुआत करती है। इस फिल्म में इन दोनों का जीवन दिखाया गया है, जो कालीधर के भूले हुए सपनों की ओर जाने, अधूरी रही इच्छाओं को पूरा करने और एक ऐसा रिश्ता बनाने की कहानी है, जो उम्र, तर्क और समय से परे है।

कालीधर लापता में दूसरे मौके पाने का जश्न और उस समय खुशी पाने की कहानी है, जब आपको उसकी उम्मीद भी नहीं होती है। यह कहानी परिवार में उपेक्षा, स्वतंत्रता और बिना किसी पूर्वाग्रह के समझे जाने की गहरी मानवीय जरूरत को दिखाती है। कालीधर और बल्लू के जीवन के माध्यम से यह फिल्म हमें स्मरण कराती है कि कभी-कभी खुशी टूटे हुए को दोबारा जोड़ने से नहीं मिलती, बल्कि अपूर्णता को स्वीकार करने और जीवन को पूरी तरह जीने से मिलती है।

फिल्म और अपने किरदार के बारे में अभिषेक बच्चन ने कहा, ‘‘भोपाल वापस आना मेरे लिए हमेशा बहुत ही व्यक्तिगत अनुभव होता है। मैंने इस शहर में केवल फिल्म नहीं बनाई है, बल्कि यहाँ पर मुझे घर जैसा महसूस होता है। इन गलियों में मेरे बचपन की कई कहानियाँ हैं। भोपाल में कालीधर लापता की शूटिंग ने उन सभी यादों को ताजा कर दिया है।

अब फिल्म के प्रमोशन के लिए वापस आकर हमें उतना ही खास महसूस हो रहा है। भोपाल लेक के किनारे फोटोशूट का अनुभव बहुत ही विशेष था। यह एक शक्तिशाली संकेत था, जिसने कालीधर लापता का सार पेश किया। पानी पर तैरते सैकड़ों दिए इस फिल्म की कहानी बयाँ कर रहे थे। असंभावित जगहों पर रोशनी पाना, अनपेक्षित संबंध बनाना और अपने जीवन को पूरे दिल से स्वीकार करना, फिर चाहे आप अपने सफर में कहीं भी क्यों न हों। इस कहानी का सार यही है। मुझे उम्मीद है कि यह फिल्म सभी दर्शकों को बहुत पसंद आएगी।’’

डायरेक्टर मधुमिता ने कहा, ‘‘कालीधर लापता के साथ मैं एक ऐसी कहानी कहना चाहती थी, जो बहुत व्यक्तिगत होने के साथ सभी लोगों के जीवन से जुड़ी हो। यह कहानी भुलाए जाने और फिर खुद को वापस पाने के बारे में है। मैं जब भी भोपाल आती हूँ, यहाँ के लोगों का स्नेह, शांति और मौन शक्ति देखकर बहुत प्रभावित होती हूँ। मेरा मानना है कि इस फिल्म का भाव भी यही है। यह भावनाओं और छोटे-छोटे मीठे लम्हों में बुनी कहानी है, जो दैनिक जीवन की खूबसूरती प्रदर्शित करती है। मुझे उम्मीद है कि सभी दर्शक इस फिल्म से जुड़ाव महसूस करेंगे।’’

जीवंत बल्लू का किरदार निभा रहे दैविक बाघेला ने कहा, ‘‘अपनी पहली फिल्म का प्रमोशन अपने शहर में, वो भी अभिषेक बच्चन सर के साथ करके बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। कालीधर लापता केवल मेरी पहली फिल्म नहीं है, बल्कि यह मेरे दिल का टुकड़ा है। अभिषेक सर और मधुमिता मैडम के साथ काम करके मेरा सपना पूरा हो गया। उन्होंने मेरा स्वागत किया और मेरी बहुत सहायता की, जैसे मैं उनके परिवार का हिस्सा था। मुझे हर दिन सेट पर बहुत कुछ सीखने को मिला। मैंने अभिनय, स्टोरीटैलिंग, जीवन की छोटी-छोटी खुशी, दूसरे मौके, भूले हुए सपनों और हर क्षण में जिंदगी जीने के बारे में बहुत कुछ सीखा। हमने बहुत ही प्यार से इस फिल्म को बनाया है। मुझे उम्मीद है कि भोपाल के लोग इस फिल्म में उस प्यार को महसूस करेंगे। यह उनके लिए है।’’

कालीधर लापता का प्रसारण 4 जुलाई, 2025 को केवल ज़ी5 पर होगा!

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