मध्य प्रदेश में हो रहे धार्मिक व सांस्कृतिक लोकों के निर्माण को लेकर सीएम मोहन यादव ने की समीक्षा बैठक

CM Mohan Yadav held a review meeting regarding the construction of religious and cultural places in Madhya Pradesh

भोपाल, 19 जुलाई। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने धार्मिक और सांस्कृतिक लोकों के निर्माण को लेकर एक समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने, धार्मिक और सांस्कृतिक लोकों के आय और राज्यों में मेलों के आयोजन जैसे मुद्दों पर चर्चा की।सीएम मोहन यादव ने कहा कि ओरछा में श्री राम राजा लोक विकसित हो रहा है। इसमें भगवान श्री राम के वनवास अवधि में वर्तमान मध्य प्रदेश के भू-भाग में बितायी गयी समयावधि में हुए प्रमुख प्रसंगों को दर्शाया जाए। इन पर लाइट एंड साउंड शो की प्रस्तुति की व्यवस्था भी हो।उन्होंने कहा, प्रदेश में विकसित हो रहे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक लोकों के आय के साधन सुनिश्चित हों और उनकी निर्माण और प्रबंधन प्रक्रिया तय की जाए, ताकि सभी लोकों का संचालन लंबे समय तक सुव्यवस्थित रूप से हो सके। लोकों का बेहतर प्रबंध सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संबंधित विभागों जैसे संस्कृति, पर्यटन, धर्मस्व, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय विकास एवं आवास विभाग की स्थानीय स्तर पर संचालन समिति बनाई जाए।बता दें कि धार्मिक और सांस्कृतिक लोकों के निर्माण कार्य की प्रगति की मंत्रालय में समीक्षा के दौरान बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति तथा पर्यटन शिव शेखर शुक्ला तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित हो रहे सभी धार्मिक और सांस्कृतिक लोकों का सौंदर्य, आकर्षक और महत्व लंबे समय तक बना रहे, यह सुनिश्चित करते हुए उनका निर्माण किया जाए। उन्होंने संत रविदास लोक, सागर में शोधपीठ और शैक्षणिक संस्था विकसित करने के निर्देश दिए।उन्होंने ये भी बताया कि भादवा माता लोक नीमच में श्रद्धालु दर्शन के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से भी आते हैं। इसलिए भादवा माता लोक से आयुर्वेदिक अस्पताल और फिजियोथेरेपी सेंटर को भी जोड़ा जाए। साथ ही मंदिर किस स्थापत्य शैली में बने हैं, उनकी विशेषताओं का संरचनाओं के निर्माण में अनुसरण सुनिश्चित किया जाए। मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश की कला-संस्कृति-स्थापत्य और प्रमुख व्यंजनों पर केंद्रित मेले देश के अन्य राज्यों में आयोजित किए जाएं, इससे प्रदेश के पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा।बैठक में जानकारी दी गई की प्रदेश में सांस्कृतिक, धार्मिक पुनर्जागरण और पर्यटन के विकास के उद्देश्य से पर्यटन विभाग द्वारा 18 लोकों के विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। इनमें 14 लोक धार्मिक और चार सांस्कृतिक आधार के हैं, इनका निर्माण कार्य जारी है। इसके अलावा लोकों के माध्यम से विशिष्ट धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण, आसपास की अधोसंरचना के विकास और श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए आवश्यक उच्च स्तरीय सुविधाओं के विकास का कार्य भी किया जाएगा। युवाओं में धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रति गौरव की भावना सुदृढ़ करने के उद्देश्य से लाइट एंड साउंड शो जैसे आधुनिक तकनीक द्वारा धार्मिक गाथाओं, लोक कलाओं आदि का प्रदर्शन भी होगा।बैठक में संत रविदास लोक सागर, देवी लोक सलकनपुर, राम राजा लोक ओरछा, जाम सांवली हनुमान लोक पांढुरना, पशुपतिनाथ लोक मंदसौर, परशुराम लोक महू, भादवा माता लोक नीमच, मां नर्मदा महालोक अमरकंटक, देवी अहिल्या लोक खरगोन, नागलवाड़ी लोक बड़वानी आदि में के कार्यों में हुई प्रगति की जानकारी दी गई। इसके अलावा मां पीतांबरा लोक दतिया, रतनगढ़ माता मंदिर लोक दतिया, मां शारदा देवी मैहर, मां जोगेश्वरी माता मंदिर चंदेरी, रानी दुर्गावती स्मारक जबलपुर, अटल स्मारक ग्वालियर, महाराणा प्रताप लोक भोपाल और रानी अवंती बाई स्मारक जबलपुर की कार्य योजना पर भी चर्चा हुई।

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