भारत के युवाओं का संगम: आई.आई.एम.यू.एन. ने 14वाँ चैम्पियनशिप कॉन्फ्रेंस सफलतापूर्वक संपन्न किया

Confluence of India's youth: IIMUN successfully concludes 14th Championship Conference

नई दिल्ली:दुनिया का सबसे बड़ा युवाओं द्वारा संचालित गैर-लाभकारी संगठन इंडिया’ज़ इंटरनेशनल मूवमेंट टू यूनाइट नेशन्स (आई.आई.एम.यू.एन.) ने अपना 14वाँ वार्षिक चैम्पियनशिप कॉन्फ्रेंस सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह चार दिवसीय शैक्षिक और सांस्कृतिक महोत्सव था जिसमें भारत के 108+ शहरों से आए 3,000+ हाई स्कूल छात्रों ने भाग लिया।14 से 17 अगस्त तक आयोजित इस सम्मेलन की शुरुआत सायन स्थित शन्मुखानंद ऑडिटोरियम में भव्य उद्घाटन समारोह से हुई, जिसके बाद जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में तीन दिनों तक गहन चर्चाएँ, बहसें और संवाद सत्र हुए।उद्घाटन समारोह में कई प्रमुख हस्तियों ने छात्रों को संबोधित किया:डॉ. शशि थरूर, प्रसिद्ध विचारक और लेखक, ने “ग्लोकल” नागरिक बनने के महत्व पर जोर दिया।अभिनेत्री एवं पर्यावरणविद् दिया मिर्ज़ा ने छात्रों को अपने उपभोग और उपयोग को सोच-समझकर चुनने की प्रेरणा दी। वरिष्ठ अभिनेता बोमन ईरानी ने भारतीय होने की तुलना मानवतावाद से की। छात्रों को भारत की सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मनाते हुए शास्त्रीय और फ्यूज़न नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ भी देखने को मिलीं।अगले तीन दिनों तक जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर बहस, सीखने और सहयोग का जीवंत केंद्र बना रहा। प्रत्येक सुबह योग सत्र से शुरुआत होती और उसके बाद जलवायु परिवर्तन, वैश्विक संघर्ष, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और समावेशी आर्थिक विकास जैसे स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श होते।स्वतंत्रता दिवस की शाम छात्रों को जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर प्राप्त हुआ जब उन्होंने तीन पूर्व सेना प्रमुखों — जनरल वेद प्रकाश मलिक, एडमिरल आर.के. धवन और एयर चीफ मार्शल पी.वी. नाइक  से संवाद किया। उन्होंने अपने सैन्य जीवन से नेतृत्व के अनुभव और मूल्यों को साझा किया। इस विशेष शाम का समापन स्टैंड-अप कॉमेडियन अज़ीम बनटवाला के हास्य प्रदर्शन के साथ हुआ, जिसने पूरे आयोजन को आनंद और हँसी से भर दिया।अगले दिन बहसों और वक्ताओं के सत्रों के साथ संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संगम हुआ। इस दौरान राजदूत जे.एन. मिश्रा, अनिल त्रिगुणायत और रुचि ग्यानश्याम के साथ पूर्व कैबिनेट सचिव के.एम. चंद्रशेखर ने कूटनीति, प्रशासन और लोक सेवा पर अपने विचार साझा किए।अंतिम दिन का समापन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह-सहकार्यवाह श्री सी.आर. मुकुंदा के संबोधन के साथ हुआ, जिन्होंने भारतीय मूल्यों और परंपराओं पर प्रकाश डाला और श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए।आई.आई.एम.यू.एन. चैम्पियनशिप कॉन्फ्रेंस संगठन का प्रमुख वार्षिक आयोजन है, जिसमें भारतभर में आयोजित 108+ शहर स्तरीय सम्मेलनों से चयनित सर्वश्रेष्ठ छात्र एक राष्ट्रीय मंच पर एकत्रित होते हैं। बहस और नेतृत्व की असाधारण क्षमता रखने वाले ये छात्र इस मंच पर आकर अपने ज्ञान को और गहरा करते हैं तथा विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।आई.आई.एम.यू.एन. के संस्थापक ऋषभ शाह ने कहा, “चैम्पियनशिप कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य कल के नेताओं को भारत और विश्व को गहराई से समझने, निडर होकर बहस करने और ऐसे ‘ग्लोकल सिटिज़न्स’ बनने के लिए सशक्त बनाना है जो जीवन के हर क्षेत्र में भारत का प्रतिनिधित्व करें।”

आयोजन के दौरान आई.आई.एम.यू.एन. की वार्षिक सलाहकार बोर्ड बैठक और शैक्षणिक सलाहकार परिषद की बैठक भी हुई, जिसमें विशिष्ट नेताओं ने संगठन की आने वाले वर्ष की दृष्टि तय की।

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