ग्रामीणों ने बहादुरी दिखाते हुए गौ तस्करों को धर दबोचा, पुलिस पर उठे सवाल

मेहनगर/आजमगढ़। जो काम पुलिस प्रशासन को करना चाहिए, अब वही काम ग्रामीणों को करना पड़ रहा है। ताज़ा मामला मेहनाजपुर थाना क्षेत्र के स्माइलपुर गाँव का है, जहाँ ग्रामीणों ने सूझबूझ और हिम्मत दिखाते हुए गौ तस्करों को रंगे हाथ पकड़ लिया।गुरुवार देर रात ग्रामीणों को सूचना मिली कि सफेद रंग की एक पिकअप (UP 50 CT 2561) से अवैध रूप से मवेशियों की तस्करी की जा रही है। पिकअप पर सवार सोराब पुत्र खदेरु निवासी चक सहदरिया थाना तरवां और ड्राइवर बलवंत यादव पुत्र कल्पनाथ यादव निवासी मालपार थाना मेहनगर, पशुओं को लेकर निकल रहे थे। जैसे ही ग्रामीणों ने गाड़ी रोकने का प्रयास किया, आरोपी भागने लगे, लेकिन गाँव के कच्चे रास्ते में गाड़ी फंस गई। इसके बाद ग्रामीणों ने दोनों तस्करों को पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी।पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया कि वे कई बार इस इलाके से पशुओं की तस्करी कर चुके हैं। उनके पास से एक पैशन प्रो मोटरसाइकिल (UP 50 AM 6950) भी बरामद हुई।ग्रामीणों की सजगता और साहस ने न केवल मवेशियों की जान बचाई, बल्कि एक बड़े अवैध धंधे का भंडाफोड़ भी किया। वहीं, यह सवाल भी खड़ा हो गया है कि जब ग्रामीण ही तस्करों को पकड़ने में सक्षम हैं, तो पुलिस प्रशासन की भूमिका आखिर कहाँ है? इलाके में लगातार गौ तस्करी की घटनाएँ पुलिस की नाकामी और लापरवाही को उजागर करती हैं।ग्रामीणों की इस बहादुरी की चारों ओर सराहना हो रही है। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस अपना काम ईमानदारी से करती तो अपराधियों को इतनी हिम्मत न होती कि खुलेआम इस तरह से अवैध कारोबार कर सकें।

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