मध्य प्रदेश में जल संकट से निपटने के लिए सरकार तैयार
Government ready to deal with water crisis in Madhya Pradesh
भोपाल, 21 मई : मध्य प्रदेश में गर्मी से जलसंकट गहराने के आसार बन रहे हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पेयजल व्यवस्था को दुरुस्त रखने के साथ कठिनाइयों से आमजन को निजात दिलाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
प्रदेश में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पेयजल प्रबंध के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि पेयजल से जुड़ी लोगों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के माध्यम से तुरंत निराकरण किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में हैंडपंपों के सुधार की आवश्यकता है, वहां प्राथमिकता से सुधार कार्य करवाए जाएं। पारंपरिक जल स्रोतों का भी समुचित उपयोग किया जाए। अभियान संचालित कर पेयजल स्रोतों को उपयोगी बनाने पर ध्यान दिया जाए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और नगरीय विकास एवं आवास विभाग आमजन के लिए पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
दोनों विभागों के अधिकारियों ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में किए गए पेयजल प्रबंध की जानकारी दी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मनरेगा और वाटरशेड के कार्य से जलस्रोतों के री-स्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके साथ ही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग आगामी वर्षा काल के लिए भी योजना तैयार कर चुका है, जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल मिले और जल जनित रोगों की रोकथाम हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय विभाग परस्पर समन्वय से नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता के हित में सभी जरूरी कार्य पूर्ण करें। इस अवसर पर जानकारी दी गई कि प्रदेश के 400 से अधिक नगरीय निकायों में सुचारू जलापूर्ति का कार्य किया जा रहा है। प्रति सप्ताह पेयजल प्रबंध की समीक्षा भी मुख्य सचिव और विभाग स्तर पर की जा रही है।
बता दें कि राज्य के कई हिस्सों में जल संकट बढ़ रहा है। यही कारण है कि कई जिलों को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। इन क्षेत्रों में जल के दुरुपयोग पर रोक लगा दी गई है और प्रशासन सख्ती बरत रहा है।