Gazipur news:डिजिटल यूग में भी मनरेगा में फर्जीवाडा धरातल पर काम नहीं आनलाइन दिखाया जा रहा है भारी विकास
Gazipur:Even in the digital age, there is fraud in MNREGA, no work is being done on the ground, huge development is being shown online
जखनियां-गाजीपुर।सरकार द्वारा पारदर्शिता और डिजिटलाइजेशन पर जोर देने के बावजूद मनरेगा योजनाओं में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। जखनियां विकास खंड क्षेत्र के कई गांवों में ऑनलाइन और कागजों पर तो काम पूरा दिखाया जा रहा है, लेकिन धरातल पर कोई कार्य नजर नहीं आ रहा। कई मनरेगा मजदूरों को तो यह तक पता नहीं होता कि उनकी हाजिरी लगाई जा रही है।ग्रामीणों का कहना है कि गाँवों में न तो तालाब की खुदाई हुई, न चकमार्ग की मरम्मत और न अन्य निर्माण कार्य, लेकिन रिकॉर्ड में भारी-भरकम खर्च दिखाया जा चुका है। मजदूरों के नाम से भुगतान भी कर लिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि मजदूरों को 300 या 500 रुपये देकर राजी कर लिया जाता है और बाकी पैसा प्रधान व सचिव की मिलीभगत से बीसी के माध्यम से निकाल लिया जाता है। कई मामलों में गरीब मजदूरों के खातों से पेंशन या जमा पूंजी तक मनरेगा के नाम पर निकाल ली जाती है और उन्हें पता तक नहीं चलता।ग्रामीणों और सीपीएम नेता विजय बहादुर सिंह ने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से गरीब, लाचार मजदूरों की मजदूरी पर डाका डाला जा रहा है। उन्होंने मांग की कि ऐसे मामलों की जांच कर दोषियों पर कड़ी विधिक कार्यवाही की जाए, ताकि सरकारी धन का बंदरबांट बंद हो सके और योजनाओं का लाभ सही पात्र तक पहुंच सके।इधर, जब ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से शनिवार को कार्यों की स्थिति देखी गई तो बारिश के बावजूद कई पंचायतों में 500 से अधिक मजदूरों की हाजिरी दर्ज पाई गई। वहीं करुइ, सुल्तानीपुर, मुडियारी सहित कई ग्राम पंचायतों में अपलोड किए गए फोटो फर्जी पाए गए—कुछ फोटो आर्टिफिशियल, कुछ बार-बार एक ही फोटो और कहीं महिलाओं के नाम पर पुरुषों की तस्वीरें अपलोड थीं।इस संबंध में खंड विकास अधिकारी जखनियां ने बताया कि पूरा सिस्टम ऑनलाइन है। मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर विधिक कार्यवाही की जाएगी।