नगरा में सीएचसी और पीएचसी की सेवाएं बदहाल, रात में नहीं मिलते डॉक्टर
रिपोर्टर अजीत कुमार सिंह बिट्टू जी ब्यूरो चीफ हिंद एकता टाइम्स
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इंदरपुर। विकास खंड नगरा जनपद का सबसे बड़ा ब्लॉक है, लेकिन यहां की स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं। क्षेत्र में सीएचसी, पीएचसी नगरा के अलावा भीमपुरा नंबर दो, मालीपुर, खंदवा, इंद्रौली मलकौली, कसौंडर में सरकारी अस्पताल हैं।
सीएचसी और पीएचसी नगरा में चिकित्सक दिन में मरीजों को देखते हैं। लेकिन रात में यहां कोई डॉक्टर नहीं मिलता।
कहने को तो सभी अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं का घोर अभाव है। कुछ चिकित्सकों द्वारा लिखी गई दवाएं कुछ खास दुकानों पर ही मिलती है। आश्चर्यजनक पहलू ये है कि शासन से चिकित्सकों को तमाम तरह की सुविधाएं मिलती है
बावजूद इसके शाम ढलते ही अस्पतालों पर सन्नाटा पसर जाता है। यदि कोई व्यक्ति रात में अचानक बीमार पड़ जाता है तो उसे निजी चिकित्सकों के यहां उपचार के लिए जाना पड़ता है।
ब्लाक मुख्यालय के पास स्थित पीएचसी नगरा पर भी कोई चिकित्सक रात के समय में नहीं मिलता है। स्वास्थ्य महकमा सहित जिले के आला अफसरों द्वारा उपेक्षा के चलते कस्बे से दूर स्थित सीएचसी पर अधूरे आवास, बिजली,पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है।
चहारदीवारी विहीन अस्पताल के चारों तरफ जंगल जैसे उगे हुए झाड़- झखाड़, पास में ही शमशान होने के वजह से रात में सीएचसी पर कोई चिकित्सक या स्वास्थ्यकर्मी नहीं रुकता है।
क्षेत्र के अस्पतालों में सुविधाओं के घोर अभाव का लाभ अप्रशिक्षित चिकित्सक उठाते है।निजी अस्पतालों में मरीज जहां दोहन का शिकार होते है,वहीं समुचित इलाज न मिलने के वजह से मरीजों के रोग ठीक होने के बजाए बढ़ जाते है
और मरीज काल कवलित हो जाता है। निजी चिकित्सकों के दोहन से मरीज के परिवार की आर्थिक कमर टूट जाती है।
पूरे जनपद में चिकित्सकों की कमी है। चिकित्सकों को रात में रुकने के लिए कोई उपयुक्त जगह नहीं है। जो अस्पताल पर दवाएं उपलब्ध होती हैं वह मरीजों को दी जाती हैं। -डॉ. बी राय, अधीक्षक, सीएचसी नगरा
नगरा पीएचसी पर सिर्फ एक चिकित्सक हैं। इसके लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। -डॉ. राहुल सिंह, प्रभारी चिकित्साधिकारी, पीएचसी, नगरा