ट्रेन मैनेजर बने भारतीय रेल सुरक्षा की धड़कन – NFIR ने उठाई आवाज़”
Train Manager became the heartbeat of Indian Railway Safety – NFIR raised its voice”
ऑल इंडिया ट्रेन मैनेजर ग्रुप ने राष्ट्रीय फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमें (NFIR) की 31वीं राष्ट्रीय अधिवेशन में ऐतिहासिक प्रतिनिधित्व देकर एक नया मील का पत्थर स्थापित किया। ट्रेन मैनेजरों ने अपनी सेवा शर्तें, कार्य परिस्थितियाँ, वेतन संरचना और कैरियर प्रगति संबंधी माँगें NFIR और राष्ट्रीय संयुक्त सलाहकार समिति (NC JCM) के समक्ष प्रस्तुत कीं।
*इस अवसर पर NFIR के महामंत्री एवं एन-जेसीएम सदस्य डॉ. एम. राघवैया ने ट्रेन मैनेजरों की भूमिका को भारतीय रेल की सुरक्षा की रीढ़ बताते हुए भरोसा दिलाया कि उनकी सभी जायज़ माँगों को 8वें वेतन आयोग और रेलवे बोर्ड स्तर तक मज़बूती से उठाया जाएगा। अधिवेशन में उपस्थित WCRMS के महामंत्री अशोक शर्मा एवं अन्य सभी JCM सदस्यों ने भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने का आश्वासन दिया।*
ऑल इंडिया ट्रैन मैनेजर ग्रुप के जॉइंट जनरल सेक्रेटरी रोमेश चौबे ने बताया कि
ट्रेन मैनेजरों द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में यह स्पष्ट किया गया कि वे हर 15 मिनट में एक यात्री का जीवन बचाते हैं और औसतन हर 8 घंटे में एक बड़ा हादसा टालते हैं। यह आँकड़े इस बात को साबित करते हैं कि ट्रेन मैनेजर केवल ट्रेन संचालन ही नहीं बल्कि पूरे भारतीय रेल नेटवर्क की सुरक्षा और विश्वासनीयता के आधार स्तंभ हैं।
ज्ञापन में बताया गया कि आज भी ट्रेन मैनेजर अत्यंत कठिन परिस्थितियों में कार्य करते हैं – चाहे घने जंगलों से होकर गुजरती ट्रेन हो, मध्यरात्रि में रेल टूट-फूट या हॉट-एक्सल की जाँच हो, या फिर आपात स्थिति में यात्रियों की जान बचाना हो। “ट्रेन मैनेजर रेल की धड़कन हैं” यह नारा अब पूरे अधिवेशन की गूंज बन गया।
NFIR की इस ऐतिहासिक पहल से ट्रेन मैनेजर समूह में जबरदस्त उत्साह है। उनका मानना है कि यह केवल वेतन या पदोन्नति की लड़ाई नहीं है बल्कि उनकी गरिमा और रेलवे सुरक्षा में उनकी अमूल्य भूमिका को मान्यता दिलाने का संघर्ष है।
अब उनकी आवाज़ सीधे 8वें वेतन आयोग और रेलवे बोर्ड तक पहुँचेगी। यह कदम ट्रेन मैनेजरों के लिए ही नहीं बल्कि भारतीय रेल सुरक्षा और यात्री विश्वास के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।
सहगल जी, रमेश चौबे जी, राकेश जी, सी.एस. सिंह जी, एन.के. सिंह जी, दीपक प्रसार जी, संतोष जी, विनय जी, राजीव जी, रुस्तम जी, मुन्ना जी श्रीजेश जी, और लगभग 400 ऑल इंडिया ट्रैन मैनेजर ग्रुप की टीम उपस्थित रही